दारगांव में गौठान मेला किया गया आयोजित, 15 हजार रूपए के सामानों का हुआ विक्रय
दुर्ग। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव एवं गौधन न्याय योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया। गौठान मेला आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है। जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण में अपनी महत्वपूर्ण योगदान अदा कर रहा है। जनपद पंचायत धमधा के ग्राम दारगांव के गौठान में गौठान मेला का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य गामीण आजीविका मिशन (बिहान) की महिलाओं के सामग्री विक्रय व प्रदर्शिनी हेतु महिलाओं द्वारा बनाई गई विभिन्न प्रकार की सामग्री आकर्षण का केन्द्र थी। समूह द्वारा बनाए गए साबुन, फिनाईल, सेनेटाईजर, अगरबत्ती, दोना पत्तल, पापड, बड़ी, आचार, गुपचुप, जैविक चावल, आदि को बिहान मेला में स्टाल लगाकर विक्रय किया गया। इसके साथ ही वर्मी खाद का भी स्टाल लगा कर विक्रय किया गया।
जिसे बडी संख्या में आए हुए किसानों के द्वारा खरीदा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेन्द्र साहू (जनपद सदस्य) ने गौठान मेले के उद्वेष्यों के बारे में विस्तृत जानकारी उपस्थित ग्रामीणों को दी। महिला स्व सहायता समूह के उत्पादों को देखकर उनकी खुले मन से प्रशंसा की व सभी गौठान समिति, महिला समूहों व ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने कृषि उत्पाद जिसमें हल्दी, धनिया, मिर्च, के फलों को महिला समूहों को दे
जिससे वे इन्हे उत्पाद में परिवर्तित कर सकें, और बाजार में उत्पाद लाया जा सकें। कार्यक्रम में भूपेश्वरी रॉव (संरपच) व सभी पंच गण उपस्थित थे व जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा विभिन्न प्रकार के सामग्रियों का विक्रय किया गया। जय मॉ अन्नपूर्णा, सहेली समूह, जय मॉ शीतला समूह, नई किरण ग्राम संगठन, महिला शक्ति ग्राम संगठन, जय मॉ सिद्धी समूह, जय सांई राम समूह, जय माता दी समूह, जय सतनाम समूह, जागृति स्व सहायता समूह, सुख सहेली स्व सहायता समूह, की दीदीयों ने स्टाल लगाया था व लगभग 15520 रूपयें की आमदनी हुई।