जांजगीर
युवा लेखिका प्रिती दास मिश्रा की कलम से स्वरचित छत्तीसगढी रचना, ओ दिन फेर नई आय

ओ दिन फेर नई आय
थोकन रोवन ता दाई हर पाय
ओ दिन फेर नई आय
बाबू हर हाथ ला धर के रेगे सिखाय
ओ दिन फेर नई आय
डोकरी दाई सूते के बेर लोरी गाय
ओ दिन फेर नई आय
बाबू हर काधा मा पाके मेला घुमाय
ओ दिन फेर नई आय
गर्मी के छुट्टी मा ममा घर जवाय
ओ दिन फेर नई आय
भौरा बाटी तरिया के तौराय
ओ दिन फेर नई आय
गांव मा बईला गाड़ी के घुमाय
ओ दिन फेर नई आय
बिहाव मा भुइयां मा बईठ के
पटरी मां सोहारी,खाजा पीडिया खवाय
ओ दिन फेर नई आय
गांव कस सुख शहर मा कहा पाय
ओ दिन फेर नई आय