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CM शिवराज का बड़ा ऐलान- मध्यप्रदेश में चंबल एक्सप्रेस-वे की जगह बनेगा चंबल प्रोग्रेस-वे|chambal progress way will be built instead of chambal express way in madhya pradesh mpss nodtg | bhopal – News in Hindi

CM शिवराज का बड़ा ऐलान- मध्य प्रदेश में 'चंबल एक्सप्रेस-वे' की जगह बनेगा 'चंबल प्रोग्रेस-वे'

मध्यप्रदेश में ‘चंबल एक्सप्रेस-वे’ की जगह बनेगा ‘चंबल प्रोग्रेस-वे’ (फाइल फोटो)

केंद्र सरकार ने जिन 43 नए राजमार्गों का ऐलान किया था उनमें चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal Express-way) भी शामिल था. यह एक्सप्रेस वे मुरैना से श्योपुर के बीच करीब 200 किलोमीटर का बनाया जाना है. जबकि शुरुआती दौर में इसकी अनुमानित लागत करीब 800 करोड़ रुपए बताई गई थी.

भोपाल. मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछने लगी है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने ग्वालियर चंबल को बड़ी सौगात देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि चंबल में बनने वाला एक्सप्रेस-वे अब चंबल एक्सप्रेस-वे की बजाए चंबल प्रोग्रेस-वे (Chambal Progress-way) के नाम से बनेगा. इस एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल हब डेवलप किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्सप्रेस-वे के सिलसिले में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से फोन पर बात भी की है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सोशल मीडिया हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक जल्द ही एक्सप्रेस-वे का भूमि पूजन कर इसका काम शुरू होगा. हालांकि अब तक एक्सप्रेसवे का काम शुरू ना हो पाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है. शिवराज के आरोपों के तहत चंबल एक्सप्रेस-वे के काम को कांग्रेस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था. प्रदेश सरकार की इस घोषणा को सीधे तौर पर आने वाले उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

24 में से 16 सीट ग्वालियर चंबल में
दरअसल, मध्य प्रदेश में जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से 16 सीटें अकेले ग्वालियर चंबल संभाग की हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस ऐलान को चुनावी बिसात के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है. ग्वालियर चंबल के लोगों को एक्सप्रेस-वे का इंतजार पिछले काफी वक्त से था. ऐसे में उप चुनाव से पहले प्रोग्रेस वे के नाम से बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे का सियासी माइलेज लेने की कोशिश बीजेपी की ओर से की जाएगी.क्या है प्रोजेक्ट?

केंद्र सरकार ने जिन 43 नए राजमार्गों का ऐलान किया था उनमें चंबल एक्सप्रेस वे भी शामिल था यह एक्सप्रेस वे मुरैना से श्योपुर के बीच करीब 200 किलोमीटर के बीच बनाया जाना है शुरुआती दौर में इसकी अनुमानित लागत करीब 800 करोड़ रुपए बताई गई थी. हालांकि बाद में जब कांग्रेस सरकार के दौरान चंबल एक्सप्रेस वे की डीपीआर तैयार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तो इसमें से भिंड जिले को बाहर कर दिया गया था. इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चिट्ठी लिखकर तब के मुख्यमंत्री कमलनाथ से अनुरोध किया था कि भिंड को इस प्रोजेक्ट से बाहर न किया जाए. एक्सप्रेस-वे बनने के बाद ये माना जा रहा है कि चंबल में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही बीहड़ की बेकार पड़ी ज़मीन का इस्तेमाल हो सकेगा.

किसने क्या कहा ?
चंबल एक्सप्रेस वे को लेकर सरकार के ऐलान के बाद अब सियासत भी तेज हो गई है कांग्रेस प्रवक्ता विभा पटेल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह सरकार लोगों को भ्रमित करने का काम करती है. इसी तरह का प्रचार संबल योजना को लेकर भी किया गया लेकिन असली बात तो यह थी की संबल योजना को कभी बंद ही नहीं किया गया. अब जबकि उपचुनाव होने हैं और उसमें सबसे ज्यादा सीटें ग्वालियर चंबल में हैं. तो फिर यह जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी. वहीं बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने सिर्फ जनता के हित की योजनाओं को बंद करने का काम किया था. जैसे संबल को ठंडे बस्ते में डाला गया वैसे ही चंबल एक्सप्रेस-वे को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. लेकिन अब जबकि बीजेपी की सरकार है तो फिर विकास के काम दोबारा तेज हो रहे हैं.

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First published: May 17, 2020, 5:10 PM IST



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