पूर्वांचल की बहुचर्चित मऊ सीट पर भाजपा ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ खेला बड़ा दांव, जानें कौन हैं अशोक सिंह BJP played a big bet against Mukhtar Ansari in the famous Mau seat of Purvanchal, know who is Ashok Singh
मऊ. भाजपा (BJP) ने यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कैंडिडेट बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ अशोक सिंह (Ashok Singh) पर दांव खेला है. बता दें कि मऊ विधानसभा पूर्वांचल ही नहीं बल्कि सूबे की बहुचर्चित सीट है. हालांकि इस सीट पर बांदा जेल में बंद अंसारी का दबदबा है और वह पांच बार से विधायक बनते आ रहे हैं. वहीं, भाजपा ने मजबूत प्रत्याशी उतारकर सियासी पारा चढ़ा दिया है.बहरहाल, मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को टिकट दिया है. जबकि इस सीट पर भाजपा ने अशोक सिंह को उतारा है. जानकारी के मुताबिक, भाजपा प्रत्याशी के ठेकेदार भाई मन्ना सिंह की 2009 में हत्या हुई थी और इसक मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी को बनाया गया था. यह हत्याकांड नगर कोतवाली के गाजीपुर तिराहे पर हुआ था. हालांकि गवाह और साक्ष्य के अभाव में अंसारी इस मामले में बरी हो चुके हैं, लेकिन अशोक सिंह से उनकी अदावत अभी चली आ रही है.
अशोक सिंह को मिल सकती है सहानुभूति
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी अशोक सिह को मुख्तार अंसारी के खिलाफ सहानुभूति वाले वोट मिल सकते हैं. वहीं, भाजपा नेता के पास जनता की अदालत में एक अपने भाई को न्याय दिलाने का एक और मौका मिला है. हालांकि इस सीट पर भाजपा और सपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.
जानें कौन है किस पार्टी से मैदान में
मऊ में 2017 के चुनाव में भाजपा समर्थित सुभासपा के महेंद्र राजभर ने मुख्तार को कड़ी चुनौती दी थी और 8998 वोटों से हारे थे. इस बार सुभासपा ने सपा का दामन थाम लिया है और अंसारी उसकी टिकट पर मैदान में हैं. वहीं, बसपा ने भीम राजभर और कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि इस सीट पर मुख्तार को 1996 में पहली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के कैंडिडेट के तौर पर जीत मिली थी. इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दलीय जीत हासिल की. वहीं, 2012 में कौमी एकता दल का गठन कर चुनाव मैदान में उतरे और चौथी बार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. जबकि 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत मिली. हालांकि इस बार जीत का अंतर 10 हजार से नीचे पहुंच गया.
अभी छह चरण का मतदान है बाकी
यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर कुल सात चरणों में मतदान तय है. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को हो चुका है. जबकि 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण का, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, 3 मार्च को छठे चरण और 7 मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा. वहीं, वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.