सरकार को आबकारी विभाग की कार्योँ को देखते हुए बंद कर देनी चाहिए इस विभाग को जगह जगह अवैध शराब बिक्री से हो रहा है सरकार को लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान
भिलाई। खुर्सीपार के आईटीआई ग्राण्ड में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात हुई युवक की नृशंस हत्या ने फिर आबकारी विभाग की पोल खोलकर रख दी है। हमारे द्वारा खुले में जमकर हो रही खराब खोरी, मयखाने में तब्दील हुए शहर और आउटर के खाली मैदान और सुनसान जगह का लगातार समाचार प्रकाशन और एजेंसियों में लगातार जारी इस न्यूज के बाद भी जिले का आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इस मामले में कोई कार्यवाही नही कर रहे है, इसी की परीणिति है कि आईटीआई ग्राण्उड में भी पहले आरोपियों ने जमकर शराब खोरी की और फिर युवक की हत्या की। आबकारी विभाग न तो अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगा पा रहा है और न ही खुले मैदानों व खाली जगहों पर प्रतिदिन हो रही शराबखोरी पर ही लगाम लगा पा रही है।
बस केवल कभी कभी एकाध अवैध शराब बिक्री के मामले को पकड़कर खानापूर्ति कर लेती है। यदि देखा जाये तो आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का हर महिने कितना लाख रूपये सैलरी और अन्य मद में खर्च होता है लेकिन उस एवज में इस विभाग द्वारा क्या काम हो रहा है? कितना राजस्व का लाभ ये विभाग सरकार को दे रही है। दिन प्रतिदिन बेतहाशा अवैध शराब बिक्री के कारण सरकार को हर महिने कई कई लाख रूपये का नुकसान सरकार हो रहा है। सरकार को इसकी समीक्षा कर आत्मचिंतन करना चाहिए। केवल खानापूर्ति के लिए इस प्रकार विभाग खोलकर रखना उचित नही है इसलिए सरकार को चाहिए कि आबकारी विभाग को बंद कर करोड़ों रूपये को बर्बाद होने से बचाये।