धर्म

किसने की थी सबसे पहले सरस्वती पूजा? श्रीकृष्ण ने दिया था वरदान सरस्वती पूजा सबसे पहले? श्रीकृष्ण ने दी वरदानी

आज वसंत पंचमी है. इस अवसर पर सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) की जाती है. वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था. उन्होंने ही इस पूरी सृष्टि को वाणी, ज्ञान एवं संगीत दिया है. हिन्दू कैलेंडर के माघ माह (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाते हैं. इस तिथि को मां सरस्वती के प्रकाट्य हुआ था, इसलिए इस दिन वागेश्वरी जयंती मनाते हैं. मां सरस्वती का दूसरा नाम वागेश्वरी भी है. अब आपको पता चल गया है कि वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा क्यों करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता सरस्वती की पूजा सबसे पहले किसने की थी? आइए जानते हैं इसके बारे में.

 

श्रीकृष्ण ने की थी सबसे पहले सरस्वती पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार, बह्मा जी के आह्वान पर माता सरस्वती प्रकट हुई थीं. उन्होंने जब भगवान श्रीकृष्ण को देखा, तो उनके रुप पर मोहित हो गईं. उनके मन में भगवान श्रीकृष्ण को पति स्वरूप में पाने की अभिलाषा होने लगी. भगवान श्रीकृष्ण तो अतंर्यामी हैं. उन्होंने माता सरस्वती के मन की बात जान ली.

 

तब उन्होंने माता सरस्वती से कहा ​कि वे राधा के प्रति ही समर्पित हैं. कृष्ण के साथ राधा का ही नाम जुड़ा है. कहा जाता है कि राधा माता लक्ष्मी की ही अवतार थी. ऐसे में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु एक दूसरे के पूरक हैं, फिर माता सरस्वती की भगवान श्रीकृष्ण को पति स्वरूप में पाने की अभिलाषा कैसे पूरी हो पाती?

 

बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और ब्रह्मा जी ने ही सबसे पहले मां सरस्वती की पूजा की थी. माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उनको वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा करेगा, उसे ज्ञान प्राप्ति में सफलता प्राप्त होगी.

भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के कारण भी वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा होती है. हालांकि मां शारदा की इस तिथि को जन्मदिन भी है, इस वजह से उनको प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है.

इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं sabkasandesh.com 

इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

 

 

Related Articles

Back to top button