MP News: बीजेपी नेत्री की मौत के मामले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बड़ा आरोप, कहा- 20 लाख देकर करवाई गई हत्या

भोपालः अशोकनगर के चंदेरी की बीजेपी नेता ममता यादव की गुमशुदगी और फिर मौत का मामले को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए और मामले में निष्पक्ष जांच के साथ पीड़ित परिवार के लिए सुरक्षा की मांगकी। उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपए की सुपारी देकर ममता यादव की हत्या कराई है।
उन्होंने कहा कि एक बहुत संगीन अपराध का प्रकरण मेरे पास आया है। जो कि एमपी और यूपी पुलिस से संबंधित है। चंदेरी की बीजेपी की नेता ममता यादव 11 सितंबर 2023 को घर से यह कहकर निकलती है कि उसे प्रयागराज में रेंजर रामपति द्विवेदी से 7 लाख रुपए लेना है। वो प्रयागराज जाती है और वहां से फोन के जरिये उसकी परिवार से बातचीत होती है। 21 सितंबर के बाद ममता का फोन बंद हो जाता है। परिजन पुलिस में रिपोर्ट करते है पर कार्रवाई नहीं होती है। इसके बाद अशोकनगर पुलिस ने कॉल डिटेल्स निकाले। चंदेरी थाना प्रभारी ने इसे एसपी को सौंपा था। उसमें 6 मोबाइल नंबर हैं, जिनसे 11 से 21 सितंबर के बीच ममता की बात हुईं। एक मोबाइल पर 10 दिन में 86 बार बातचीत हुई। एक अन्य फोन से 44 बार बात हुई। पुलिस ने इसमें जांच क्यों नहीं की, जबकि रिपोर्ट दर्ज हो गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी में प्रयागराज ज़िले में एक गुमशुदा के मरने की रिपोर्ट आई। शरीर पर टैटू के आधार पर शव चिन्हित किया गया, लेकिन शव परिजन को नहीं दिया गया। संजय द्विवेदी नाम के शख्स का मामले में लगातार नाम आया, लेकिन राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं हुई। ममता की हत्या एक बड़ा राजनीतिक खेल है। मध्य प्रदेश पुलिस उत्तर प्रदेश का मामला बात कर टाल देती है और Up पुलिस एमपी का बताकर मामले को टाल देती है। मैंने डीजीपी को पत्र लिखा है। मुझे स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है। सीनियर अधिकारी पर भी भरोसा नहीं है। हम मांग करते एक जज की देखरेख में इन्वेस्टीगेशन किया जाए।
ममता के भाई ने कही ये बात
ममता के भाई राजभान यादव ने कहा कि मैं हर जगह जाकर थक चुका हूं। अब तो हमें न्याय चाहिए। ममता ने पैन ड्राइव का जिक्र किया जिसमे कुछ था। इस पेन ड्राइव के चलते लगातार कुछ दिनों से बहन को परेशान किया जा रहा था। पैसा लेकर सेटलमेंट करने की भी कुछ लोग बात कर रहे थे घर पर आ रहे थे। हम उन लोगों को नहीं जानते हैं। हम तो सिर्फ मांग करते हैं कि हमें न्याय मिले।