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कब्ज़, खट्टी डकारें और गैस से शर्मिंदा होते हैं, इन 2 मसालों को रोज़ खाना शुरू कर दें, कभी पेट और आंतों में जमा नहीं होगा मल

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कब्ज़, खट्टी डकारें और गैस से शर्मिंदा होते हैं, इन 2 मसालों को रोज़ खाना शुरू कर दें, कभी पेट और आंतों में जमा नहीं होगा मल

कब्ज़ एक ऐसी परेशानी है जो हर इंसान को कभी ना कभी ज़रूर परेशान करती है। कब्ज़ की बीमारी छोटे बच्चे से लेकर युवाओ और बुजुर्गों तक को परेशान करती है। कब्ज़ का परमानेंट इलाज दवाई नहीं बल्कि उसके कारण को जान कर उसका समाधान करना है। कब्ज़ के लिए कई कारण ज़िम्मेदार हैं जैसे पर्याप्त पानी नहीं पीना,गतिहीन जीवन शैली,डाइट में फ़ाइबर शामिल नहीं होना और जंक फूड का अधिक सेवन करना कब्ज का कारण है।

कब्ज एक गंभीर स्थिति है जिसमें मल सप्ताह में दो से तीन बार ही डिस्चार्ज होता है। पुरानी कब्ज के कारण नियमित रूप से शौच करना मुश्किल होता है जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। पुरानी कब्ज के समाधान के लिए पाचन को हेल्दी रखना और मेटाबोलिज्म में सुधार करने पर ध्यान देना ज़रूरी है। कब्ज़ को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्ख़े बेहद असरदार साबित होते हैं।किचन में मौजूद कुछ मसाले ना सिर्फ़ मेटाबॉलिज्म में सुधार करते हैं बल्कि कब्ज़ और पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। लाकाडोंग हल्दी और दालचीनी दो ऐसे मसाले हैं जो कब्ज का इलाज करते हैं और पाचन को दुरुस्त करते हैं। आइए जानते है कि कैसे ये मसालें कब्ज़ का हमेशा के लिए समाधान करते हैं।

लाकाडोंग हल्दी पाउडर

हेल्थलाइ के मुताबिक लाकाडोंग हल्दी पाउडर औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय मसाला है जो कब्ज के इलाज में विशेष रूप से फायदेमंद है। Lakadong हल्दी पाउडर दर्द निवारक के रूप में काम करता है। इसमें करक्यूमिन की मात्रा भरपूर होती है जो एक सक्रिय यौगिक है। इस हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी- इंफ्लामेटरी गुण भरपूर मौजूद होते हैं जो पेट के दर्द,कब्ज और एसिडिटी का उपचार करते हैं।

इस हल्दी का सेवन अगर रोजाना दूध के साथ किया जाए तो आसानी से पेट की गैस,कब्ज और सूजन का उपचार किया जा सकता है। लाकाडोंग हल्दी पाउडर सौ फीसदी नैचुरल और जैविक है। इसका सेवन करने से कब्ज और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का प्रभावी इलाज होता है।

दालचीनी पाउडर से करें कब्ज का इलाज

दालचीनी औषधीय गुणों से भरपूर मसाला है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर खाना पकाने में किया जाता है। इस मसाले में मौजूद गुणों की बात करें तो इसमें एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से कई बीमारियों का एक साथ उपचार होता है। ये मसाला खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करती है और पाचन से जुड़ी परेशानियों का भी उपचार करती है। दालचीनी का नियामित सेवन मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और क्रॉनिक गैस और कब्ज के लक्षणों को कंट्रोल करता है। क्रॉनिक कब्ज से राहत पाने के लिए और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ में सुधार करने के लिए दालचीनी पाउडर का सेवन शहद के साथ करें।

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