भिलाई तीन से कोल्हिापुरी तक छग के स्वप्न दृष्टता स्व. चंदूलाल चंद्राकर को दी गई श्रद्धांजलि स्व. चंदूलाल चंद्राकर छत्तीसगढ़ राज्य के प्रेरणास्त्रोत थे-बीडी कुरैशी

भिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के पुरोधा दिवंगत सांसद चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर आज उनके ग्राम कोलिहापुरी, दुर्ग,भिलाई और भिलाई-3 बाजार के साथ ही चरोदा में कार्यक्रम आयोजित कर जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। दुर्ग विधायक अरुण वोरा, पूर्व विधायक प्रदीप चौबे, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, पिछड़ा आयोग के सदस्य आरएन वर्मा, पूर्व महापौर शंकरलाल ताम्रकार, महापौर धीरज बाकलीवाल, जल कार्य प्रभारी, संजय कोहले, महामंत्री पप्पू श्रीवास्तव ने भी छत्तीसगढ़ के महान सपूत, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर जी की पुण्यतिथि पर आज उनके कर्मभूमि कोलिहापुरी चंदखुरी रोड में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूद्दीन कुरैशी ने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रेरणास्त्रोत चंदूलाल चंद्राकर जी के 27वीं पुण्यतिथि के अवसर पर घड़ी चौक सूपेला और सेक्टर-6 इंटक यूनियन ऑफिस के मैदान में चंदूलाल की स्थापित प्रतिमा में अजय चंद्राकर, बदरूद्दीन कुरैशी और कांग्रेसजनों ने माल्यअर्पण कर उनके बताये हुये मार्गो पर चलने का संकल्प लिया। कुरैशी ने अपने उद्धबोधन में बताया कि आज छत्तीसगढ़़ को राज्य बने 22 साल हो गये स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर जी ने सन् 1992 में छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का संकल्प लिया और पूरे छत्तीसगढ़ के जिलों में ब्लाक स्तर से लेकर जिला स्तर की छत्तीसगढ़ राज्य संघर्ष समिति बनाई और छत्तीसगढ़ के हर जिलों और ब्लाकों में रैलियां और जुलूस निकालकर जनजागरण अभियान चलाया।
उसी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के लोग आंदोलित हुुए और 1992 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का संकल्प पारित किया। कांग्रेस की सरकार 1993 मध्यप्रदेश में बनने के बाद स्वयं चंदूलाल चंद्राकर जी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंग के माध्यम से 1993 के भोपाल विधानसभा सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का प्रस्ताव सर्वसमति से पास कराया और उसी प्रस्ताव के बदौलत सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना। वहीं भिलाई तीन बाजार में महापौर निर्मल कोसरे ने दिवंगत सांसद चंदूलाल चंद्राकर को छत्तीसगढ़ का महान सपूत बताते हुए उनके प्रतिमा स्थल पर शेड निर्माण कराने की घोषणा की।