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सिक्योर्ड लोन देकर लोग कर रहे मोटी कमाई, आप भी समझें पी2पी और उठाएं फायदा People are earning big money by giving secured loans, you also understand P2P and take advantage

नई दिल्ली. बैंक (Bank) हमारे ही पैसे पर इंडस्ट्री, होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन देकर मोटी कमाई करते हैं लेकिन हमें मिलता है मामूली ब्याज (Interest). लिहाजा, अब अपने ही पैसे पर ज्यादा ब्याज या रिटर्न हासिल करने के लिए क्रेडिट फर्म या फिनटेक (Fintech) के जरिए लोगों को कर्ज मुहैया कराने का तरीका लोकप्रिय हो रहा है.

 

यह नया तरीका पीयर-टु-पीयर (पी2पी) का है. इसमें आप जो भी रकम निवेश करना चाह रहे हैं, उसे क्रेडिट फर्में या फाइनेंस कंपनियां एप के जरिए जरूरतमंंदों को लोन के रूप में दे रही हैं. इससे आपको सीधे फाइनेंस के क्षेत्र में ऊंची दर से ब्याज कमाने का मौका बना सकते हैं.

फिनटेक क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों ने हाल ही में पीयर-टु-पीयर (पी2पी) उधारी के क्षेत्र में उतरने का ऐलान किया है. फिनटेक कंपनी क्रेड ने नया पी2पी प्लेटफॉर्म क्रेड मिंट शुरू किया है, जिसके लिए उसने भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीकृत पी2पी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी लिक्विड लोन्स के साथ हाथ मिलाया है. जबकि, भारतपे ने भी 12% क्लब नाम की ऐप के जरिये पी2पी उधारी शुरू करने का फैसला किया है.

पी2पी से किस तरह मिलता है फायदा
पी2पी प्लेटफॉर्म पर कर्ज देने वालों को ऊंची दर से ब्याज कमाने का मौका मिलता है. भारतपे का कहना है कि कर्ज देने वालों को सालाना 12 फीसदी तक ब्याज मिल जाएगा. जबकि, क्रेड अपने प्लेटफॉर्म से कर्ज देने वालों को 9 फीसदी तक का रिटर्न देने का दावा कर रही है. लेनदेनक्लब के मुख्य कार्य अधिकारी और सह-संस्थापक भविन पटेल कहते हैं कि उनके प्लेटफॉर्म पर उधार देने वालों को आसानी से 10-12 फीसदी सालाना रिटर्न मिल सकता है.

उधार देने में जोखिम भी कम
उधार देने वाले प्लेटफार्म उधारी के लिए दी जाने वाली रकम की गारंटी तो नहीं लेते हैं लेकिन वे इसे सिक्योर्ड बनाने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं. वे ऐसे लोगों को कर्ज प्रदान करते है, जिनसे चूक होने की संभावना कम होती है. यही नहीं, वे आपकी रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर कई लोगों को कर्ज देते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है. जैसे, क्रेड मिंट पर उधार दी जाने वाली रकम औसतन 200 से अधिक कर्ज मांगने वालों के बीच बांटी जाती है. लेनदेनक्लब भी ऐसा ही करता है.पटेल बताते हैं कि अगर आप ऑटो-इन्वेस्ट फीचर का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे प्लेटफॉर्म पर उधार दी गई 1 लाख रुपए की रकम अल्गोरिदम का इस्तेमाल कर 400-500 लोगों के बीच बांट दी जाएगी. उधारी देने वाला चाहे तो थोड़े से लोगों में कर्ज बांटने का विकल्प भी चुन सकता है. इसी तरह, क्रेड उन्हीं ग्राहकों को कर्ज देगी, जो उसके ऋण उत्पाद क्रेड कैश का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. कंपनी के मुताबिक इन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर काफी ऊंचा है और कर्ज लौटाने में चूक की दर बहुत कम है. पिछले एक साल में क्रेड कैश पर चूक यानी डिफॉल्ट की दर 1 फीसदी से भी कम रही है.

डिफॉल्ट होने के खतरों को नजरअंदाज न करें
सीए हरिगोपाल पाटीदार बताते हैं कि इस तरह के प्लेटफॉर्म पर उधार की तलाश में आम तौर पर वे लोग आते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर कम होता है और दूसरी जगहों से कर्ज हासिल करने में जिन्हें दिक्कत होती है. यही वजह है कि ये लोग कर्ज के एवज में ऊंचा ब्याज देने को तैयार रहते हैं. इसलिए ऐसे कर्ज लेने वालों में डिफॉल्ट का खतरा भी ज्यादा होता है. लिहाजा, इन प्लेटफॉर्मों पर उधार देने का विकल्प उन्हें ही चुनना चाहिए, जिनके अंदर ज्यादा जोखिम लेने की भूख है और जो यह बात भली भांति समझते हैं कि यहां उनकी पूंजी डूब भी सकती है.

 

 

 

 

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