छत्तीसगढ़

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग संभाग में भारी बारिश की चेतावनी

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- बंगाल की खाड़ी में बहुत मजबूत सिस्टम बना हुआ है, जो तेजी से सक्रिय हो रहा है। इस सिस्टम का व्यापक असर छत्तीसगढ़ में पड़ेगा। यही वजह है कि लालपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार रात ओरेंज अलर्ट व मंगलवार को प्रदेश भर में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इस बार बस्तर संभाग में कम, लेकिन रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग संभाग में मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान है। अगले दो दिनों तक यानी 15 अगस्त तक बारिश जारी रहेगी।

प्रदेश के कुछ स्थानों पर तो भारी से अति-भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खबर इस लिहाज से अच्छी है, क्योंकि इन तीनों संभागों के कुल 15 जिले ऐसे हैं, जहां पर औसत से कम बारिश दर्ज हुई है। यहां अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना, पूजा-पाठ, मिन्नतों का दौर कई जगहों में चला। यह सिस्टम अच्छी-खासी भरपाई कर सकता है।

सोमवार को दिन भर रायपुर के आसमान में बादल छाए रहे। देर शाम बादल का एक बड़ा पैच बना जरूर, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को रायपुर, बुधवार-गुरुवार को दुर्ग संभाग में काफी तेज बारिश हो सकती है।

सिस्टम जो सक्रिय हुआ है

एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और लगे हुए पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश तट तक स्थित है।इसका चक्रवाती घेरा 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। इसकी ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर झुका है। मानसून द्रोणिका भी बनी हुई है।

 

पूर्वानुमान-

जिलों का तापमान और बारिश

जिले- तापमान- बारिश के आंकड़े

रायपुर- 31.0- 4.0

बिलासपुर- 30.8- 0.4

पेंड्रा- 29.1- 0.0

अंबिकापुर- 26.8- 18.7

जगदलपुर- 27.8- 6.6

दुर्ग- 31.2- 00

राजनांदगांव- 31,0- 8.0

(बारिश के आंकड़े मिमी में।)

जिले, जहां अब तक कम हुई बारिश-

इस सिस्टम का असर सर्वाधिक मध्य छत्तीसगढ़ के तीन संभागों में रहेगा। यह अच्छा भी है क्योंकि इन संभागों के कई जिलों में औसत से काफी कम बारिश हुई है।इससे काफी कुछ भरपाई हो जानी चाहिए। देखना होगा कि इसका कितना व्यापक असर रहता है। – एचपी चंद्रा, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानी, लालपुर मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर

प्रदेश के 15 जिलों में औसत से 48 फीसद तक कम बारिश

बस्तर संभाग में इंद्रदेवता की मेहरबानी की मुख्य वजह है पेड़ और पहाड़ हैं, इसलिए तो देखिए बस्तर संभाग के सभी जिले, जिनमें बस्तर, बीजापुर, सुकमा, कोंडगांव, दंतेवाड़ा में अगस्त के पहले ही हफ्ते में इतनी बारिश हो चुकी है। अगर यहां बरसात न भी हो तो कोई विशेष परेशानी नहीं होगी। वहीं दूसरी तरफ रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर संभाग के 15 जिलों में काफी कम बारिश हुई है। इसकी वजह है कि पेड़ और पहाड़ का बलि, जो विकास के लिए ली गई। इसकी भरपाई तभी संभव है, जब निरंतर पौधरोपण हो।

बालोद- 30, बलौदाबाजार- 24, बलरामपुर 33, बेमेतरा- 27, बिलासपुर- 20, दुर्ग- 30, जांजगिर- 38, जशपुर- 48, कांकेर- 10, कोरबा- 39, कोरिया- 30, महासमुंद- 03, मुंगेली- 31, रायगढ़- 33 राजनांदगांव- 23, रायपुर- 25, सूरजपुर- 19, सरगुजा- 54

प्रदूषण सबसे बड़ी वजह

रायपुर संभाग विशेषकर रायपुर शहर में बारिश के कम होने की वजह यहां प्रदूषण है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक आसमान में एक कार्बन की परत है। हवा में 61 फीसद कार्बन कण हैं जो कि उद्योगिक प्रदूषण, वाहनों के प्रदूषण के चलते हैं। यही बारिश की बूंदों को बनने नहीं देते हैं। रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर में भी यही स्थिति है। विकास ने वर्षा में बाधा डाल रहा है।

 

 

 

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