सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय का अध्यादेश को सरकार जल्द दे सकती है मंजूरी

विलय के बाद खाताधारकों का बदल जायेगा खाता नम्बर और आईएफएसई कोड
BHILAI । ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार 1 अप्रैल को सरकार सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय का नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। इस अध्यादेश को सरकार जल्द मंजूरी दे सकती है। इस मंजूरी के मिलने के बाद 10 बैंकों का 4 बैंकों में विलय कर दिया जाएगा। इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। इस मर्जर के बाद सबसे ज्यादा असर ग्राहकों पर पड़ेगा क्योंकि खाताधारकों के बैंक अकाउंट नंबर से लेकर आईएफएसई कोड तक सब बदल जायेगा।
10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय पिछले दो महीनों से बिना किसी नाराजग़ी के सुचारू रूप से काम कर रहा है, इससे कर्मचारियों की नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
बता दें कि, सरकार ने बीते साल अगस्त में 10 बैंकों के विलय की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा। यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा। इस विलय बाद सार्वजनिक सेक्टर में केवल भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक रह जाएंगे। 2017 में भी केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहायक बैंकों का विलय किया था. इनमें स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और भारतीय महिला बैंक का स्टेट बैंक का एसबीआई में विलय किया गया था।
ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या आईएफएसई कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे। एसआईपी या लोन ईएमआई के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता।