छत्तीसगढ़

भीर कुपोषित बच्चों को रोस्टर बनाकर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में अनिवार्यतः भेजना सुनिश्चित करें, कलेक्टर शर्मा ने बैठक में दिए सख्त निर्देश’Make sure to send the severely malnourished children to nutrition rehabilitation centers by making a roster, Collector Sharma gave strict instructions in the meeting.

श्री कांत जायसवाल कोरिया

बैकुठपुरं/भीर कुपोषित बच्चों को रोस्टर बनाकर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में अनिवार्यतः भेजना सुनिश्चित करें, कलेक्टर शर्मा ने बैठक में दिए सख्त निर्देश’
’कुपोषित बच्चों का कार्ड जारी कर चिन्हांकित करने के निर्देश, 1 फरवरी से आंगनबाड़ी केंद्रों में खिलाया जाएगा अण्डा’
’सोनहत क्षेत्र में मात्र 14 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजा गया, कलेक्टर ने लापरवाही पर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी को लगाई फटकार’
’महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न’
कोरिया 29 जनवरी 2022/कलेक्टर कुलदीप शर्मा की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्टोरेट मंथन सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में संचालित वजन मापन त्यौहार, पोषण पुनर्वास केन्द्रों, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर शर्मा द्वारा जिले में 10 से 15 जनवरी 2022 तक हुए वजन मापन त्यौहार के अनुसार जिले में 4 हज़ार 440 मध्यम एवं 606 गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या है। उन्होंने सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षको को सख्त निर्देश दिए कि बच्चे सामान्य श्रेणी में आने के बाद पुनः कुपोषण की श्रेणी में न आए। बच्चों को निर्धारित पोषण आहार खिलाना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर शर्मा ने जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 01 अप्रैल 2021 से मात्र 510 कुपोषित बच्चों को भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं जिले के 606 गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करते हुए पुनर्वास केन्द्रों में भेजें एवं इनपर सतत निगरानी रखें। यह ध्यान रखें कि किसी भी पोषण पुनर्वास केंद्र खाली में उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम ना हो। उन्होंने सोनहत क्षेत्र में मात्र 14 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजे जाने पर फटकार लगाते हुए कहा कि आगामी समय में लापरवाही पाए जाने पर पर्यवेक्षक एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। शतप्रतिशत क्षमता का प्रयोग करते हुए मार्च 2022 तक सभी गंभीर कुपोषित बच्चा पुनर्वास केन्द्रों में रखा जाना सुनिश्चित करें। जिले में मातृत्व मृत्यु दर की गंभीर स्थिति पर उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओ के खान-पान पर ध्यान रखा जाए। समय पर गर्म भोजन उपलब्ध कराएं। जिले में वर्तमान में 6 हजार 548 गर्भवती माताएं हैं, कलेक्टर ने सभी गर्भवती माताओं को पोषण थाली उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिले के 5 हजार कुपोषित बच्चों को आयरन सिरप एवं आवश्यक दवाइयां दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
’कुपोषण मुक्ति के लिए पोषण चार्ट के माध्यम से किया जाएगा जागरूक, चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की कार्ड के माध्यम से की जाएगी मॉनिटरिंग’
शर्मा ने बैठक में कुपोषण मुक्ति से संबंधित सभी आवश्यक दिशा निर्देशों का क्षेत्रीय भाषा में चार्ट तैयार करने के जिला कार्यक्रम अधिकारी को आदेश दिए। बच्चों की रुचि के अनुसार पोषण चार्ट में आकर्षक चित्रों का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों का अलग से कार्ड बनाया जाए जिसमे बच्चों की सतत प्रगति रिपोर्ट दर्ज हो। कार्ड में कुपोषण की प्रकृति, हीमोग्लोबिन, खिलाई जा रहीं दवाइयों की पूरी जानकारी दर्ज की जाए ताकि बच्चों की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से की जा सके। साथ ही उन्होंने प्रत्येक बच्चे की मासिक समीक्षा एवं वजन मापन के निर्देश दिए।

’1 फरवरी से आंगनबाड़ी केंद्रों में ही खिलाए जाएंगे अण्डे’
कलेक्टर ने टेक होम राशन एवं अण्डे वितरण की व्यवस्था में बदलाव लाते हुए 01 फरवरी से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में ही गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को अण्डे खिलाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रातः 11 से 11रू30 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्रों में ही अण्डे उपलब्ध कराए जाएंगे जिसका निरीक्षण जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा

Related Articles

Back to top button