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15 अगस्‍त को है रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त, राखी बांधने का सही तरीका, महत्‍व और मान्‍यताएं

सबका संदेश न्यूज़ नई दिल्‍ली-  रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) सिर्फ त्‍योहार नहीं बल्‍कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्‍ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्‍यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है. रक्षा बंधन का त्‍योहार हिन्‍दू धर्म के बड़े त्‍योहारों में से एक है, जिसे देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. यह त्‍योहार भाई-बहन के अटूट रिश्‍ते, बेइंतहां प्‍यार, त्‍याग और समर्पण को दर्शाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) या रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) बांधकर उसकी लंबी आयु और मंगल कामना करती हैं. वहीं, भाई अपनी प्‍यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर (Rakhi Gifts) हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं. यह इस त्‍योहार की खासियत है कि न सिर्फ हिन्‍दू बल्‍कि अन्‍य धर्म के लोग भी पूरे जोश के साथ इस त्‍योहार को मनाते हैं. 

रक्षाबंधन कब है?
हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्‍योहार हर साल श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा (Sawan Purnima) को मनाया जाता है. ग्रगोरियन कैलेंडर के अुनसार यह त्‍योहार हर साल अगस्‍त के महीने में आता है. इस बार रक्षाबंधन 15 अगस्‍त (Raksha Bandhan Date Time) को है. 15 अगस्‍त (15 August) के दिन ही भारत के स्‍वतंत्रता दिवस (Independence Day) की 72वीं वर्षगांठ भी है.   

रक्षाबंधन का महत्‍व 
रक्षाबंधन हिन्‍दू धर्म के सभी बड़े त्‍योहारों में से एक है. खासतौर से उत्तर भारत में इसे दीपावली या होली की तरह ही पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. यह हिन्‍दू धर्म के उन त्‍योहारों में शामिल है जिसे पुरातन काल से ही मनाया जा रहा है. यह पर्व भाई बहन के अटूट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है. यह इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्‍नेह के धागे से बांध लेती है. देश के कई हिस्‍सों में रक्षाबंधन को अलग-अलग तरीके से भी मनाया जाता है. महाराष्‍ट्र में सावन पूर्णिमा के दिन जल देवता वरुण की पूजा की जाती है. रक्षाबंधन को सलोनो नाम से भी जाना जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्‍य देने से सभी पापों का नाश हो जाता है. इस दिन पंडित और ब्राह्मण पुरानी जनेऊ का त्‍याग कर नई जनेऊ पहनते हैं. 

 

रक्षाबंधन की तिथि (Raksha Bandhan Date Time) 
रक्षाबंधन सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन का त्‍योहार गुरुवार को है इसलिए इसका महत्‍व और ज्‍यादा बढ़ गया है. इस दिन भद्र काल नहीं है और न ही किसी तरह का कोई ग्रहण है. यही वजह है कि इस बार रक्षाबंधन शुभ संयोग वाला और सौभाग्‍यशाली है.
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 14 अगस्‍त 2019 को रात 9 बजकर 15 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 15 अगस्‍त 2019 को रात 11 बजकर 29 मिनट तकराखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Muhurat)
मान्‍यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर में राखी बांधनी चाहिए. अगर अपराह्न का समय उपलब्‍ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है. कहा जाता है कि भद्र काल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्र काल में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था. इस बार राखी बांधने का मुहूर्त काफी अच्छा है. बहनें सूर्यास्त से पूर्व तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं
राखी बांधने का समय: 15 अगस्‍त 2019 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक 
कुल अवधि: 09 घंटे 46 मिनट
अपराह्न मुहूर्त: 15 अगस्‍त 2019 को दोपहर 01 बजकर 06 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक
कुल अवधि: 02 घंटे 14 मिनट
प्रदोष काल में राखी बांधने का मुहूर्त: 15 अगस्‍त 2019 को शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक  

 

 

 

 

 

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