छत्तीसगढ़

कोरिया जिले में इन दिनों सरकार की सबसे बड़ी महत्वकांक्षी योजना जिसमें एक रुपए किलो चावल दिए का प्रावधान है In Korea district these days the biggest ambitious scheme of the government in which there is a provision of giving rice at one rupee kg.

श्री कांत जायसवाल कोरिया

बैकुण्ठपु/कोरिया जिले में इन दिनों सरकार की सबसे बड़ी महत्वकांक्षी योजना जिसमें एक रुपए किलो चावल दिए का प्रावधान है गरीबों को और 10 रुपये किलो गरीबी रेखा वालों से ऊपर जीवनयापन करने वालों को,लेकिन योजना की आड़ में उचित मूल्य में मिल रहे चावल की कालाबाजारी का बड़ा खेल चल रहा है पूरे जिले में, प्रति माह लगभग पचास हजार मि्ंटल चावल शासकीय उचित मूल्य की दुकानो में वितरण किया जाता है,उसे शहर सहित गांवों में चर्चित दलालों द्वारा राशन कार्ड धारियों से ऊंचे दाम पर अपने निर्धारित अड्डों पर खरीद कर शहर के चर्चित राइस मिलरो के पास बेचा जाता है,यह खरीदी लगभग विभिन्न दलालों के माध्यम से प्रीतिदिन पूरे जिले में लगभग 25 से 30 लाख रुपए तक की बताई जाती है, खाद्य विभाग के संरक्षण में कथित रूप से यह खेल पूरे जिले में जारी है और खाद्य विभाग सबकुछ जानकर भी मौन और मूक है।
उल्लेखनीय रहे कि मनेंद्रगढ़ के इलाके में बीते 20 जनवरी को खाद्य अधिकारी श्री शुक्ला एवम खाद्य निरीक्षक सुभा गुप्ता ने मनेन्द्रगढ़ के टीवी टावर रोड में एक चर्चित दलाल के गोदाम में छापा मार कार्रवाई की है मौके पर कई टन चावल बरामद किया गया है जो एक शहर के प्रतिष्ठित राइस मिल व्यापारी गोयल के यहां जाना बताया जाता है मौके पर कार्यरत व उपस्थित अधिकारियों के मुताबिक उसी राइस मिल संचालक की गाड़ी भी मौके पर लोड करती पाई गई है, चुकी वह राइस मील संचालक जिले से लेकर प्रदेश तक अपनी पकड़ और दखल रखता है इस नाते उस गाड़ी को प्रदेश स्तरीय दबाव के बाद जप्त की गई सामग्री को कम बता कर केस को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है, शहर में अधिकारियों से राइस मिल संचालक और दलाल के मध्य लाखों रुपए के लेनदेन की चर्चा जोरों पर है,,इस बीच शहर के अन्य पत्रकारों ने इन अधिकारियों को बार-बार फोन कर अन्य स्थानों पर भी छापा मारने की जानकारी देनी चाही थी लेकिन यह खाद्य विभाग के अधिकारीयो ने किसी का फोन रिसीव नहीं किया था कार्यवाही करने के उद्देश्य से पहुंचे जिले से अधिकारियों के राइस मिलर और दलाल के प्रति सकारात्मक रवैए पर इनके कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
पीडीएस चावल मामले में बारीकी से जांच करने की जरूरत
यदि शहर के चर्चित दलालों और पीडीएस दुकान संचालकों का मोबाइल नंबर राइस मिल मालिकों के मोबाइल नंबर से टेली किया जाए तो और उसकी बारीकी से जांच कराई जाए तो इनके काले कारनामों का चिट्ठा खुल जाएगा। सूत्रों की माने तो पूरे मनेंद्रगढ़ चिरिमिरि शहरी और ग्रामीण इलाको में पीडीएस के चावल की खरीदी कर रहे, संजय गोयल टीवी टावर रोड, मोहन सोनार बस स्टैंड के पीछे, अशोक कोठरी बस स्टैंड में, राजेश कथेला नई सब्जी मंडी के पास, सुरेश साईं बाबा तिराहे के पास, रज्जू जयसवाल भ्लोर, आशीष गुप्ता चिरमिरी, खन्ना सोनी बिहार पुर केल्हारी, सहित दर्जनों दलाल शहर के सफेदपोश राइस मिलरो के लिए काम कर रहे हैं यह दिन भर ऑटो में और पिकअप से सभी वार्डों में जाकर अपने चिन्ह अंकित राशन कार्ड धारियों से माल खरीदते हैं और अपने गोदामों में स्टाक करते हैं, रात को इनके करीबी सफ़ेद पोश राइस मिलर अपनी गाड़ी भेज कर ऊक्त चावल को उठवा लेते है यह खेल पूरे क्षेत्र में पूरी रात खेला जा रहा है।
एक रूपए का चावल खरीद राइस मिलरो को बेचा जा रहा 20 रूपए में
पीडीएस चावल के दलाल कथित गरीब राशन कार्ड धारियों से 1 रूपए का चावल 15 रूपए में खरीदते हैं और फिर राइस मिलरो को रूपए 20 के दर से बेचते हैं, जिले के नामी-गिरामी सफेदपोश राइस मिलरो का अपने कार्य क्षेत्र में गजब का दबदबा बना हुआ है, जिसके कारण स्थानीय प्रशासन भी उनके आगे नतमस्तक रहता है छत्तीसगढ़ शासन के नए नियमों के मुताबिक यदि पीडीएस के चावल की कोई खरीदी बिक्री करता है तो उसे आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित अन्य पीडीएस धाराओं के तहत सीधे जेल भेजने के निर्देश हैं इन्हीं नियमों का पालन करते हुए स्थानीय प्रशासन जब दिखावे के लिए शक्ति करता है इन दलालों की गाड़ी पकड़ता है तो ये राइस मिल संचालक तत्काल अपना बिल दे देते हैं इनके धंधे में इस बात की चर्चा जोरों पर रहती है कि चावल में यह तो लिखा नहीं होता कि ये चावल पी डी एस का है,शासन के नियमों के मुताबिक यदि सरकारी बरदाने में है तो वही चावल सरकारी माना जाएगा इस आधार पर यह लोग प्लास्टिक की बोरियों में चावल एकत्र करते हैं इन्हीं प्लास्टिक की बोरियों में राइस मिल तक चावल पहुंचा देते है, राइस मिल पहुंचाते वक्त यदि चावल पकड़ा जाता है तो यह प्रशासन के आंख में धूल झोकते हुए एक बिल प्रस्तुत करते हैं अपना बचाव करते हुए कहते हैं कि राइस मिल से चावल खरीद तीन दिन पूर्व हम बाजार बेचने गए थे किन्तु बाजार में चावल नहीं बिका है इसलिए शेष बचे हुए चावल को राइस मिल वापस करने जा रहे हैं इस तरह का खेल,खेल कर शासकीय पीडीएस में लाखों रुपए प्रति महीना कमाया जा रहा है और इस तरह से शासन के आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है।
सरकार का चावल बिचौलियों के लिए जैक्पोट
विदित हो कि पूरे जिले में प्रत्येक महीना में पचास हजार मि्ंटल चावल की खपत होती है उसी क्रम में जिले में फर्जी कार्ड धारियों की भी संख्या बहुत अधिक है इन फर्जी गरीब कार्ड धारियों बिचौलिए चावल खरीद लेते हैं पूरे जिले से लगभग चावल 26 से 27 हजार मि्ंटल वापस राइस मिलरो के पास पहुंच जाता है फिर से यह राइस मिलर उस चावल को साफ सफाई करके सरकारी बरदाने में पैक कर खाद्य अधिकारी के निर्देश पर सरकारी

 

एफसीआई गोदामो में प्रतिदिन भेजते रहते हैं और फिर से वह चावल पीडीएस दुकानों में भेजा जाता है सरकारी दुकानों से फिर आम जनता तक पहुंच जाता है आधा चावल आम जनता के उपयोग में आता है और फिर ऊंचे दाम पर ये कथित लाचार और गरीब कार्ड धारी लोग पुनः उन दलालों को बेचते हैं दलाल राइस मिलों को भेजते हैं और इस तरह से विनिमय का बड़ा खेल लगातार क्षेत्र में खेला जा रहा है।

Related Articles

Back to top button