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नौकरीपेशा पर मेहरबान होगी सरकार, बढ़ा सकती है पीएफ पर टैक्‍स छूट Government will be kind to the employed, may increase tax exemption on PF

नई दिल्‍ली. वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को जब 2022-23 का बजट पेश करेंगी तो सबकी निगाहें नौकरीपेशा को मिलने वाली राहतों पर रहेंगी. उम्‍मीद है कि सरकार इस क्‍लास को आयकर में बड़ी छूट दे सकती है और पीएफ पर मिलने वाली टैक्‍स छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुना कर सकती है.

अभी Provident Fund (PF) में सालाना 2.5 लाख रुपये तक के अंशदान पर ही टैक्‍स छूट मिलती है. चूंकि, यह कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का सबसे अहम विकल्‍प माना जाता है, लिहाजा सरकार इस लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर सकती है. बजट से पहले हुई चर्चा में भी इस मुद्दे को उठाया गया जिसमें सरकारी कर्मचारियों के साथ निजी क्षेत्र के नौकरीपेशा को भी 5 लाख तक पीएफ अंशदान पर टैक्‍स छूट की बात कही गई है. विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों के साथ हुई बैठक में कहा गया कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का पूरा पीएफ अंशदान उनके cost-to-company (CTC) का हिस्‍सा होता है. इसमें नियोक्‍ता की ओर से जमा किया जाने वाला पैसा भी शामिल रहता है. लिहाजा 5 लाख तक टैक्‍स छूट की राहत निजी क्षेत्र के नौकरीपेशा को भी मिलनी चाहिए.

 

पिछले साल तय की थी लिमिट
सरकार ने बजट 2021 में पीएफ अंशदान पर आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये निर्धारित कर दी थी. हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया था लेकिन इसका लाभ सिर्फ GPF अंशदान पर यानी सरकारी कर्मचारियों को ही मिलना था. सरकार के इस कदम की विशेषज्ञों ने काफी आलोचना की थी और इसे समानता के अधिकारों के खिलाफ बताया था.

 

छूट के साथ ही तय होगी ये शर्त
टैक्‍स मामलों के जानकार बलवंत जैन का कहना है कि सरकार बजट में पीएफ पर टैक्‍स छूट की सीमा बढ़ाने के साथ शर्त भी तय कर सकती है. इसके तहत 5 लाख तक अंशदान पर आयकर छूट तभी दी जाएगी जब नियोक्‍ता की ओर से अंशदान नहीं किया जाता हो. अगर कर्मचारी के पीएफ में नियोक्‍ता की ओर से भी अंशदान किया जाता है तो आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही रहेगी. ऐसा इसलिए होगा, क्‍योंकि कर्मचारी अगर 2.5 लाख का अंशदान कर रहा है तो उसका नियोक्‍ता भी इतनी ही राशि पीएफ खाते में डालेगा और दोनों मिलाकर 5 लाख की लिमिट पूरी हो जाती है

 

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