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*टमाटर की दाम में लगातार गिरावट ज़िले के किसानों के लिए बनी बड़ी आफत, बाजार में फसलों की सस्ती कीमत से लागत निकालना हुआ मुश्किल*

*बेमेतरा:-* विगत हफ्तेभर पूर्व हुई मौसमी परिवर्तन का खासा असर इन दिनों ज़िले के टमाटर उत्पादकों एवं किसानों को झेलना पड़ रहा है। जिसमे टमाटर के दाम में लगातार गिरने के कारण किसानों को अपनी टमाटर पानी के मोल सस्ते कीमत पर बेचने को मज़बूर होना पड़ रहा है।वही आलम यह है कि अनेको इलाको में टमाटर किसान अपने फसलो को तोड़े बगैर फसलों में सूखने के लिए छोड़ दिये है जिससे टमाटर की बड़े स्तर पर बर्बादी हो रही है, वही अन्य कई इलाकों में टमाटर के औने पौने दामों पर बिकने के कारण त्रस्त किसान अपने फ़सलो को पशुओ व अन्य के हवाले एवं फेकने को मजबूर है, जो कि बड़ी चिंता की बात है।

*कृषि प्रधान ज़िले के साजा विकासखण्ड में टमाटर की जबरदस्त पैदावार*

दरअसल कृषि प्रधान ज़िले के चारों विकासखण्डों में टमाटर की खेती अधिकांश रूप से साजा विकासखंड इलाके में होती है, जहां पर सैकड़ो गावों में टमाटर की खेती खूब होती है।जिसमे काफी बड़ी मात्रा में पैदावार होने के कारण आसपास के निकटवर्ती ज़िलों के अलावा दीगर प्रदेशो तक निर्यात होने लगी है, किन्तु फसल की पैदावार विगत हफ्तेभर पूर्व के बेमौसम बारिश के कारण काफी प्रभावित हुआ है। फलस्वरूप टमाटर उत्पादकों एवं किसानों इन दिनों अपनी टमाटर को औने पौने दामो पर बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

*विगत वर्ष पूर्व टमाटर की कीमत में उछाल के बाद लगातार गिरावट बनी चिंता का विषय*

चूंकि उल्लेखनीय है कि सीजन पूर्व ज़िले में टमाटर की कीमत सातवे आसमान पर थी, जिसमे प्रति कैरेट किसानों को 400 रुपये तक की बिक्री हो रही थी,वही अभी जो हालात व परिस्थिति है उसके मुताबिक ज़िले में टमाटर की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति कैरेट बिक रहा है। जबकि ज्ञात हो कि एक जो प्रति किलो 4 से 5 रुपये किलो की दर बताई जा रही है। लिहाजा यह सस्ती कीमत किसानों एवं टमाटर उत्पादकों के लिए बडी नुकसानदायक साबित हो रही है।

*सस्ते कीमत के कारण फसल का लागत निकाल पाना भी बड़ा मुश्किल*

बताया जा रहा है कि टमाटर की इतने सस्ते होने के कारण अब ज़िले के टमाटर उत्पादन करने वाले किसानों के लिए फसल का लागत निकालना बड़ा मुश्किल हो गया है। फिलहाल ज़िले में टमाटर के कीमत का ग्राफ जिस हिसाब से अभी गिरा है, उससे किसानों में अब टमाटर के फ़सल हेतु सोचना पड़ सकता है, क्योंकि सीजन में टमाटर की फसल को जरूर सही कीमत मिल जाती है, किन्तु सीजन के बाद टमाटर का एकाएक रेट गिरना चिंता का सबब बन गया है।

 

*टोमैटो प्रोसेसिंग प्लांट की आस में ज़िले के किसान*

फिलहाल ज़िले के टमाटर उत्पादक किसान अपने फसल की सही दाम के लिए ज़िले में बड़े पैमाने पर पैदावार के साथ स्थानीय स्तर खपत बढ़ाने टमाटर प्रोसेसिंग प्लांट लगने के इंतज़ार में है, किन्तु शासन- प्रशासन द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई खास पहल नही किया गया है जिसके कारण टमाटर उत्पादन करने वाले किसान चिंतित व परेशान है क्योंकि उनके फ़सल की लगातार अच्छी कीमत न मिलने से उन्हें उपेक्षित महसूस होने लगा है जिस पर शासन- प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

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