देश दुनिया
विजय माल्या पर लंदन में भी मुसीबत का पहाड़ टूटा, जल्द खाली करना होगा आलीशान घर A mountain of trouble broke on Vijay Mallya in London too, the luxurious house would have to be vacated soon

नई दिल्ली. लंदन में रह रहा भारत का भगोड़ा बिजनेसमैन विजय माल्या (Vijay Mallya) पर संकट के बादल मंडराने लगा है. उसे अब लंदन में अपना आलीशान घर खाली करना पड़ सकता है. घर को बचाए रखने के लिए उसने कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, स्विस बैंक यूबीएस से माल्या ने भारी कर्ज लिया है. कर्ज नहीं चुकाने के कारण बैंक ने उसे लंदन स्थित आलीशान घर को खाली करने का नोटिस जारी किया था. इसे रोकने के लिए माल्या ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. स्विस बैंक यूबीएस के साथ लंबे समय से जारी कानूनी विवाद में माल्या के इस घर को खाली कराने का आदेश दिया गया था.बैंक अब घर पर कब्जे के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा
जज ने सुनवाई करते हुए अपने आदेश के खिलाफ अपील करने या प्रवर्तन की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगाने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया. इसका मतलब है कि स्विस बैंक यूबीएस माल्या के आलीशान घर पर कब्जे करने के लिए आगे बढ़ सकता है. हालांकि माल्या के वकील डेनियल मार्गोलिन ने बताया कि हम हाईकोर्ट चांसरी डिविजन में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे क्योंकि इससे हमारे क्लाइंट को भारी मुसीबत हो सकती है. यह मामला माल्या के रोज कैपिटल बेंचर के लिए लोन से संबंधित है जिसमें माल्या ने लोन के बदले इस घर को गिरवी रखा था. 2019 में एक अदालत ने माल्या को इस घर में रहने की अनुमति दे दी थी जिसकी मियाद 30 अप्रैल 2020 तक थी.9000 करोड़ लोन लेकर फरार है माल्या
माल्या भारत का वांछित भगोड़ा है. वह मार्च 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था. माल्या के उपर भारत में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की हेराफेरी और धनशोधन का मामला दर्ज है. माल्या को यह कर्ज किंगफिशयर एयरलाइंस को कई बैंकों ने दिए थे. 65 साल का माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर है.माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार 2016 से ही कोशिश कर रही है. विजय माल्या से जुड़े अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टल गई. 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था.
जज ने सुनवाई करते हुए अपने आदेश के खिलाफ अपील करने या प्रवर्तन की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगाने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया. इसका मतलब है कि स्विस बैंक यूबीएस माल्या के आलीशान घर पर कब्जे करने के लिए आगे बढ़ सकता है. हालांकि माल्या के वकील डेनियल मार्गोलिन ने बताया कि हम हाईकोर्ट चांसरी डिविजन में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे क्योंकि इससे हमारे क्लाइंट को भारी मुसीबत हो सकती है. यह मामला माल्या के रोज कैपिटल बेंचर के लिए लोन से संबंधित है जिसमें माल्या ने लोन के बदले इस घर को गिरवी रखा था. 2019 में एक अदालत ने माल्या को इस घर में रहने की अनुमति दे दी थी जिसकी मियाद 30 अप्रैल 2020 तक थी.9000 करोड़ लोन लेकर फरार है माल्या
माल्या भारत का वांछित भगोड़ा है. वह मार्च 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था. माल्या के उपर भारत में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की हेराफेरी और धनशोधन का मामला दर्ज है. माल्या को यह कर्ज किंगफिशयर एयरलाइंस को कई बैंकों ने दिए थे. 65 साल का माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर है.माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार 2016 से ही कोशिश कर रही है. विजय माल्या से जुड़े अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टल गई. 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था.