कलेक्टर बदले एसपी बदले पर जिसे लोग त्रस्त हैं वह खनिज अधिकारी व इस्पेक्टर कब बदलेंगे?When the collector changes the SP, but the people who are suffering will change the mineral officer and inspector?

श्री कांत जायसवाल बैकुठपुर
कोरीया/कलेक्टर बदले एसपी बदले पर जिसे लोग त्रस्त हैं वह खनिज अधिकारी व इस्पेक्टर कब बदलेंगे? ठेकेदार, क्रेशर संचालक से लेकर आम लोग तक खनिज अधिकारी व इस्पेक्टर परेशान। खनिज विभाग से जारी पीटपास का भी छः छः महीने बीत जाने के बाद भी नहीं हो रहा सत्यापन। खनिज विभाग के द्वारा ठेकेदार को
जारी किया गया है पीटपास पर अपने ही जारी पीट पास का सत्यापन करने में इतना समय क्यों? ठेकेदार, क्रेशर संचालक का आरोप पीट पास जल्दी सत्यापन के लिए मांगी जाती है प्रति घन मीटर में कमीशन। कोरिया जिले में तीन साल में बदले जा चुके चार कलेक्टर, तीन पुलिस अधीक्षक। जिले के खनिज अधिकारी मामले में क्यों नहीं हो रहा जिला खनिज अधिकारी का तबादला। वर्षों से जिले में जमी हुई जिला खनिज अधिकारी व इंस्पेक्टर का कब होगा तबादला उठ रहा सवाल। जिले के क्रेशर संचालकों सहित खनिज विभाग के ठेकेदारों से कर रहें हैं अवैध वसूली। खनिज विभाग में बिना कमीशन नहीं हो रहा कोई काम, आखिर इनका तबादला क्यों नहीं, सवाल।
छत्तीसगढ़ की नई सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जिले के चार कलेक्टरों सहित तीन पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया गया और नई सरकार ने प्रदेश के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के मामले में यह साबित कर दिया कि प्रदेश सरकार प्रशासनिक कसावट को लेकर संवेदनशील है और सरकार किसी भी स्थिति में प्रशासनिक कसावट को लेकर समझौते को तैयार नहीं है सरकार, लेकिन प्रशासनिक कसावटों को लेकर यह मामला केवल कलेक्टर और जिले के पुलिस अधीक्षकों के मामलों तक ही सीमित हैं और लगातार तीन वर्षों में यही देखा जाता आ रहा है कि जिले में किसी भी तरह की प्रशासनिक स्तर की गलतियों का कानून व्यवस्था की स्थितियों का खामियाजा केवल कलेक्टर व पुलिस अधीक्षकों को ही तबादले के रूप में भुगतना पड़ रहा है और तत्काल तबादला कर दिया जा रहा है जबकि जिन विभागों और जिन जिला स्तर साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों से जिले की जनता लगातार त्रस्त है उनकी अवैध वसूलियों से लगातार परेशान है साथ ही उनकी या ऐसे विभागीय अधिकारियों की अवैध सम्पत्तियों तक को लेकर उनके अवैध कमाई को लेकर भी खबरों के प्रकाशन के बाद उनका तबादला नहीं किया जा रहा है और ऐसे अधिकारी व कर्मचारी वर्षों से एक ही जगह एक ही पद पर बैठे हुए हैं। सरकार आखिर क्यों ऐसे अधिकारियों व कमर्चारियों पर कार्यवाही नहीं कर रही जिले के जिनके विभाग सहित जिनकी असंख्य शिकायतें आये दिन अखबारों की सुर्खियां भी बनती हैं और जिनको लेकर जिले के कलेक्टर को भी शिकायतें मिलती हैं साथ ही जिले के विपक्ष सहित सत्तापक्ष के लोग भी ऐसे अधिकारियों, ऐसे कर्मचारियों और ऐसे विभागों में जारी क्रियाकलापों साथ ही उनकी मनमानी से खुद को उनके सामने विवश मान रहें हैं।
जिला खनिज अधिकारी सहित खनिज इंस्पेक्टर के तबादले की उठ रही है मांग
जिस तरह प्रशासनिक कसावटों के मद्देनजर जिले के तीन सालों में चार कलेक्टर बदल दिए गए उसको देखते हुए अब यह भी मांग उठ रही है कि कसावट केवल जिला अधिकारी के बदले जाने से आ पाना बिल्कुल मुश्किल है क्योंकि जिले में वर्षों से बैठे कुछ विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अब अन्यत्र स्थानांतरित करने की जरूरत है जिससे जिले के अन्य विभागों में भी सरकार की तरफ से प्रशासनिक कसावट नजर आए। कोरिया जिले में ऐसा ही एक विभाग है खनिज विभाग जिसमे पदस्थ जिला अधिकारी साथ ही पदस्थ एक इंस्पेक्टर को लेकर आये दिन शिकायतें प्राप्त होती हैं कि उनकी कार्यप्रणाली से विभाग के अधीन क्रेशर का अनुज्ञा प्राप्त कर क्रेशर का संचालन कर रहे संचालक साथ ही खनिज विभाग अंतर्गत विभाग से खनन अनुज्ञा लेकर गिट्टी खदानों का पट्टा प्राप्त पट्टेदार परेशान हैं और इनकी अवैध उगाही साथ ही इनकी मनमानियों व बेवजह परेशान करने की आदतों से आये दिन उनके समक्ष यह याचकों की भांति खड़े रहकर अपना काम करवाने अनुनय विनय करने मजबूर हैं क्योंकि इनपर पता नहीं सरकार की कैसी कृपा दृष्टि है कि इन अधिकारियों की शिकायतों साथ ही इनकी लगातार सुर्खियों में बने रहने के बावजूद भी जो यह अपनी अवैध उगाहियों की वजह से बनी हुई सुर्खियां हैं और इनपर कार्यवाही या इनका तबादला भी नहीं किया जा रहा है और न ही इनपर कोई कार्यवाही ही हो पा रही है। खनिज विभाग की कारस्तानियों को लेकर विगत 3 सालों में शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो जब जिले में कोई शिकायत न आई हो वरिष्ठ अधिकारियों के पास या कभी यह विभाग अखबारों की ही सुर्खियों में बने रहने से बचा हो लेकिन इनपर कार्यवाही आज तक नहीं हुई जिसको लेकर अब इनपर भी कार्यवाही की मांग उठ रही है और इनका कम से कम तबादला ही कर दिया जाए यदि यह सरकार के खासमखास हैं तो ऐसी भी मांग की जा रही है।
वन विभाग में भी तबादले की उठ रही मांग
जिले के वन विभाग के भी कुछ अधिकारियों को लेकर भी ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं और अब यहाँ भी मांग उठ रही है कि वन विभाग कोरिया में भी वर्षों से एक ही जगह जमे अधिकारियों का तबादला किया जाए और उन्हें भी जिले से बाहर भेजकर जिले के वन विभाग में भी सफाई अभियान चलाई जाए जिससे जिले का वन विभाग किसी एक अधिकारी की जागीर बनकर न रह जाये और जिले के वन विभाग को लेकर अधिकारियों के द्वारा अवैध सम्पत्तियों के अर्जन को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लग सके। जिले के वन विभाग के एक अधिकारी के तबादले की ज्यादा मांग उठ रही है जिनकी पदस्थापना सहित जिनकी लगातार पदोन्नति के बाद भी किसी सरकार में उनका तबादला अन्यत्र नहीं किया जा सका और वह अपनी जड़ों को इतनी मजबूती से विभाग में जमा चुके हैं कि उनके स्थानांतरण को लेकर कभी कोई प्रयास भी सरकार या विभाग द्वारा किया गया हो ऐसा सुनाई नहीं देता।
पुलिस विभाग में भी है ऐसे अधिकारी कर्मचारी,जो रहते है अपनी नचाही जगह पर
जिले के पुलिस विभाग में भी ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों की कमी नहीं है जो एक ही जगह या मनचाही जगह ही बने रहते हैं चाहे जिले के बड़े पुलिस अधिकारियों का कई बार तबादला क्यों न हो चुका हो या क्यों न अन्य कई पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को लगातार दूरस्थ या फिर मुख्यालय के कार्यालयों में सेवा देने की मजबूरी में रहना पड़ता हो। जिले के कई ऐसे थानेदार, प्रधान आरक्षक सहित अन्य कर्मचारियों की लंबी फेहरिस्त है जिन्हें जहां मन होता है उनकी पदस्थापना वहीं हो जाती है जबकि कई योग्य और अनुभवी पुलिस अधिकारियों सहित थानेदारों व अन्य को दूरस्थ क्षेत्रो में कार्य करना पड़ता है जबकि उनकी सेवाएं भी जिले के दूरस्थ थानों की बजाए अन्य थानों में ली जा सकती है लेकिन जुगाड़ वालों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है और अब मांग उठ रही है कि जिले के नए पुलिस अधीक्षक एक बार नए तरीके से सभी की पदस्थापना करते हुए विभाग में बेहतर कसावट लाएं जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति और बेहतर हो सके।
अन्य कई विभागों में भी है अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जरूरत
जिले में अन्य कई ऐसे विभाग हैं जिनको लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को समीक्षा करने की जरूरत है और जिनमे अधिकारियों व कर्मचारियों के गलत कार्यप्रणालियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है जिससे जिले के सभी विभागों में बेहतर कसावट व प्रशासनिक नियंत्रण नजर आ सके स्थापित हो सके और सभी आवश्यक कार्य समय पर संपादित हो सकें और जनता को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े और जिले की जनता को एक बेहतर प्रशासनिक कसावटों वाले विभागों में अपने किसी कार्य के लिए अनावश्यक भटकना न पड़े।