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बजट 2022: अगर मानी गई ये मांग तो FD कराने वाले ग्राहकों की हो जाएगी बल्ले-बल्ले Budget 2022: If this demand is accepted, then the customers who get FD will be bat-bat

नई दिल्ली. बजट आने में गिनती की दिन बाकी हैं और बैंकों ने ग्राहकों के हितों के लिए एक खास तरह की मांग उठाई है. इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने वित्त मंत्रालय के गुहार लगाई है कि टैक्स फ्री फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की अवधि को 5 साल की बजाय 3 साल किया जाए. यदि सरकार की तरफ से ये मांग स्वीकार कर ली गई तो FD का लॉक-इन पीरियड 3 साल का रह जाएगा.

IBA ने कहा है कि बाजार में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जैसी आकर्षक स्कीमें हैं. इनमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में लॉक-इन टाइम 5 साल का होता है. यदि इस पीरियड को घटाकर 3 साल किया जाए तो जमाकर्ताओं के लिए यह आकर्षक होगा और बैंकों में फंड बढ़ेगा. लोग बैंकों के FD में ज्यादा पैसा जमा करेंगे. बैंकों ने डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार से विशेष छूट की मांग की है.

क्या है ELSS और क्या है इसका लाभ

म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक तरह की टैक्स सेविंग स्कीम है. इसमें जमा किए गए 1.5 लाख रुपये तक टैक्स नहीं लगता है. यह फायदा इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के अंतर्गत मिलता है. चूंकि म्यूचुअल फंड से जुड़ी इस स्कीम का रिटर्न बैंक में रखने से अच्छा है और लॉक-इन पीरियड भी कम है तो लोग बैंकों की बजाय इस स्कीम की तरफ ज्यादा रुझान दिखाते हैं. IBA ने कहा है कि इसी तरह टैक्स बचाने वाले बैंक FD में भी तीन साल का लॉक-इन समय किया जाना चाहिए.

 

ये कुछ और मांगें भी

बैंकों ने यह भी कहा है कि समाज के कमजोर तबके की भलाई हेतु कई अभियान चलाए जाते हैं. सरकार अपनी कई स्कीमों को बैंकों के जरिये चलाती है. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा दिया जाता है. बैंकों के प्रयास से बिजनेस में आसानी आ रही है, डिजिटल बैंकिंग की सेवा से लोगों की सुविधाएं बढ़ी हैं. इसलिए सरकार को बैंकों के खर्चों पर कुछ स्पेशल टैक्स रिबेट या डिडक्शन देना चाहिए. टैक्स से जुड़ी शिकायतों को जल्द निपटाने के लिए बैंकों ने एक बेहतर सिस्टम बनाने की मांग की है. संगठन ने कहा है कि बैंकों और सरकार के बीच अपील पर जल्द सुनवाई करने और उसका निपटारा किए जाने की जरूरत है.

 

 

 

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