सूचना के अधिकार अधिनियम के आवेदन के संबंध में जानकारी मांगने पर खड़गवां का महिला बाल विकास विभाग जानकारी Information regarding the application of the Right to Information Act, the Women and Child Development Department of Khadagawan
श्रीकांत जायसवाल
कोरिया / सूचना के अधिकार अधिनियम के आवेदन के संबंध में जानकारी मांगने पर खड़गवां का महिला बाल विकास विभाग जानकारी देने में आनाकानी किया जाता है कई तरह के बहाने बनाये जाते है। इस विभाग के जन सूचना अधिकारी समय पर नहीं देते जानकारी वैसे तो खड़गवां महिला बाल विकास विभाग में सूचना का
अधिकार अधिनियम का जमकर मखौल उड़ाया जाता है। जानकारी देने में जन सूचना अधिकारी हमेशा पीछे रहते हैं। यही वजह है कि सही समय पर जानकारी नहीं मिल पाता है और आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं राज्य सूचना आयोग तक शिकायत और अपील करना पड़ता है एक ऐसा मामला खड़गवां महिला बाल विकास विभाग का है जहां तत्कालीन परियोजना अधिकारी (जन सूचना अधिकारी) के पास जानकारी देने का आवेदन दिया था। पर जन सूचना अधिकारी अधिकारी के द्वारा जानकारी के अवलोकन करने का पत्र देकर आधे अधूरे दस्तावेजो का अवलोकन मार्च महीने में करने के बाद आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई जानकारी नही दी गई है।
जानकारी देने से इस विभाग में हुए भ्रष्टाचार की पोलखुल जाने के डर से जानकारी देने में आनाकानी की। जिस पर आवेदन कर्ता ने प्रथम अपीलीय अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर की परंत खड़गवां महिला बाल विकास विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जबकि कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा परियोजना अधिकारी को दिनांक 31/7/2021 पत्र क्रमांक/610/2021–22 को पत्र जारी कर 3 दिवस के भीतर इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिशिचत करे उसके बाद भी आज दिनांक तक कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है और ना ही कोई सुनवाई की थक हार कर आरटीआई कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में शिकायत की है। इस वाहन संचालन से संबंधित जानकारी में भारी भ्रष्टाचार किऐ होने के कारण सूचना के अधिकार के तहत खड़गवां परियोजना महिला बाल विकास विभाग के तत्कालीन परियोजना अधिकारी के द्वारा कोई भी जानकारी अपने उच्च अधिकारी के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा है इनके द्वारा हिटलर शाही से कार्यालय को संचालित किया जा रहा था शासन के द्वारा बनाए गए अधिनियम का खुलेआम उलंघन किया जा रहा है।