छत्तीसगढ़

किसानों के लिए बड़ी राहत, धान बेचने के लिए बारदाना की पूरी बाध्यता समाप्त, अब बिना परेशानी के साथ किसान बेच सकेंगे अपना धान Big relief for farmers, the complete obligation of gunny bags to sell paddy is over, now farmers will be able to sell their paddy without any hassle.

*किसानों के लिए बड़ी राहत, धान बेचने के लिए बारदाना की पूरी बाध्यता समाप्त, अब बिना परेशानी के साथ किसान बेच सकेंगे अपना धान*

*कबीरधाम जिले में 88 हजार 507 किसानों ने बेंचा 3 लाख 11 हजार 089 में. टन धान*

*राज्य शासन द्वारा जिले के 88 हजार 507 किसानों को 3 अरब 66 करोड़ 69 लाख 50 हजार 744 रूपए का भूगतान*

कवर्धा 13 जनवरी 2022। राज्य शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में चालू धान ख़रीदी सीजन में किसानों को धान बेचने के लिए बड़ी राहत दे दी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार कबीरधाम जिले में किसानों को धान बेचने बारदाना के लिए लागू 10 प्रतिशत की बाध्यता को पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। बारदाना की बाध्यता समाप्त होने से कबीरधाम जिले के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में 103 धान उपार्जन केंद्रों में प्रतिदिन धान ख़रीदी की लक्ष्य तथा किसानों की जारी टोकन के आधार पर बारदाना की व्यवस्था कर ली गई है। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जिले में अब तक 3 लाख 11 हजार 089 में. टन धान की ख़रीदी कर ली गई है। जिले में अब तक कुल लक्ष्य धान खरीदी के 77 प्रतिशत धान की खरीदी कर ली गई है। जिले में 88 हजार 507 पंजीकृत किसानों ने सुचारू एवं शांति पूर्ण ढंग से 3 लाख 11 हजार 089 में. टन धान बेच लिया है। जिले में पिछले बरसों की तुलना में धान खरीदी का नया रिकार्ड बना लिया है। राज्य शासन द्वारा धान बेचने वाले इन सभी किसानों के खातों में 3 अरब 66 करोड़ 69 लाख 50 हजार 744 रूपए का भूगतान भी कर दिया गया है। धान बेचने वाले किसानों के चेहरे में अभूतपूर्व उत्साह और आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहे है।
कबीरधाम जिले में 103 धान खरीदी केन्द्रों में पंजीकृत किसानों से सुचारू रूप से धान खरीदी करने की व्यवस्था बनाई गई हैं। समिति प्रबंधन द्वारा पंजीकृत किसानों को घर पहुंच टोकन भी दिए जा रहे है। वहीं इन केन्द्रों में अमानक धान की खरीदी को रोकने और जिले में अन्य राज्यों से आने वाले धान के अवैध परिवहनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही। इन सब के बीच पंजीकृत किसानों को धान बेचने में किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी ना हो इसके लिए भी डिप्टी कलेक्टरों तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

*किसानों को सीमांत, लघु और बड़े तीन वर्गों में चिन्हांकित सुचारू रूप से धान की खरीदी*

कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में जिले में 1 लाख 14 हजार 938 पंजीकृत किसान है। इस वर्ष पंजीकृत किसानों से 44 लाख 89 हजार 490 क्विंटल धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित की गई है। जिले के 103 धान खरीदी केन्द्रों में 11 जनवरी तक 3 लाख 11 हजार 089 में. टन धान की ख़रीदी कर ली गई है। सुचारू व शांति पूर्ण ढंग से धान की खरीदी हो सके इसके लिए जिले में सीमांत किसान, लघु किसान और दीर्घ किसान तीन वर्ग में विभाजित किया गया है। जिले में सीमांत किसानों में ढाई एकड़ तक 75 हजार 871 पंजीकृत है, जिसमें से 56 हजार 955 किसानों ने धान बेच लिया है। ढाई एकड़ से 5 एकड़  तक के लघु किसानों की संख्या 26 हजार 386 हैं, जिसमें से 21 हजार 385 किसानों ने धान बेच लिया है। पांच एकड़ से दस एकड़ तक जिले में 9730 पंजीकृत किसान है, जिसमें से 7 हजार 806 किसानो ने धान बेच लिया है। इसी प्रकार दस एकड़ से बीस एकड़ तक जिले में दीर्घ किसानो की संख्या 2 हजार 523 है, जिसमें से 2028 ने धान बेच लिए है। बीस एकड़ से अधिक रकबा वाले 428 पंजीकृत किसान है, जिसमें से 333 किसानों ने अपना धान बेच  लिया है।

 

 

 

*किसानों को 3 अरब 66 करोड़ 69 लाख 50 हजार 744 रूपए का भूगतान, 2 अरब 40 करोड़ 32 लाख 61 हजार 199 रूपए कृषि ऋष जमा*

राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले के पंजीकृत किसानों को खेती-किसान कार्यों के लिए ऋण दिया गया हैं। जिसमें से 88 हजार 507 पंजीकृत किसानों से 2 अरब 40 करोड़ 32 लाख 61 हजार 199 रूपए का कृषि ऋण जमा करा लिया है।

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