छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर बिल्हा जनपद में पदस्थ चपरासी शशीकांत जोशी ने 11 लाख 60 हजार रूपए का रकम ऐंठे पुलिस ने 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया In the name of getting a job in the High Court, Shashikant Joshi, a peon posted in Bilha district, collected an amount of Rs 11 lakh 60 thousand, the police registered a case under 420

तखतपुर टेकचंद कारड़ा

*हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर बिल्हा जनपद में पदस्थ चपरासी शशीकांत जोशी ने 11 लाख 60 हजार रूपए का रकम ऐंठे पुलिस ने 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया*

तखतपुर_ हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर बिल्हा जनपद में पदस्थ चपरासी शशीकांत जोशी ने 11 लाख 60 हजार रूपए का रकम ऐंठ लिया। नौकरी नही लगने पर प्रार्थी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामले को विवेचना में ले लिया है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम दुर्गडीह निवासी रामगोपाल यादव ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया है कि उसका भथरी निवासी शशीकांत जोशी जो जनपद पंचायत बिल्हा में भृत्य का काम करता है उससे जान पहचान था बातचीत के दौरान शशीकांत जोशी ने रामगोपाल को कहा कि हाईकोर्ट में नौकरी करना है तो उसके लिए मेरे पास आदमी है और यदि तुम रकम की व्यवस्था करोगे तो नौकरी लग जाएगी जिसमें शशीकांत ने कहा कि एक नौकरी के लिए 3 लाख और दो के लिए 6 लाख रूपए लगेगा तब रामगोपाल यादव ने एक साथ न देने की बात कहते हुए किश्त में देने को कहा। इसके बाद अपने दोस्त टेटुराम कुर्रे को बताया तो टेटुराम कुर्रे बोला मुझे भी शशिकांत जोशी से मिलाना शशिकांत जोशी मुझे फोन कर पैसा लेकर तखतपुर बुलाया तो साथ में टेटुराम कुर्रे को भी ले गया था तखतपुर नया बस स्टैण्ड में शशिकांत ने एक व्यक्ति को मंत्री के पीए अंशु जायसवाल है कहकर हमसे मिलवाया तब अंशु जायसवाल ने शशिकांत जोशी को पैसा दे देना बोला तो मैने 3 लाख रूपये शशिकांत जोशी को दिया हूं इसी प्रकार लगातार शशिकांत जोशी मंत्री के पीए के नाम पर धोखा देकर मेरे से 6,60,000 रूपये और टेटुराम कुर्रे से 5,00,000 रूपये को नौकरी लगाने के नाम पर कुल 11,60,000 रूपये का ठगी कर धोखाधडी किया है जब नौकरी नही लगी तो राम गोपाल और टेटुराम ने रकम की मांग किया। परंतु शशिकांत जोशी ने रकम नही लौटाया जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी गई। पुलिस ने धारा 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में ले लिया।

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