श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में हुआ ऑनलाइन विश्व हिंदी दिवस का आयोजन

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा ऑनलाइन विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी भी बात विभाग अध्यक्ष डॉ अर्चना झा द्वारा विद्यार्थियों को विश्व हिंदी दिवस के इतिहास व उसके उद्देश से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हर साल 10 जनवरी को विष्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। विष्व हिंद दिवस का उद्देश्य है पूरे विष्व में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक प्रयास करना और इसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में विकसित करने किए हर स्तर पर कदम उठाया जाना है।
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास के संबंध में कहा कि विष्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता रहा जो वर्ष 1975 में नागपुर, महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था। वर्ष 2006 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 जनवरी को विश्वहिंदी दिवस के तौर पर हर वर्ष मनाए जाने की घोषणा की गयी थी।
इसके बाद बाद से ही विश्व हिंदी दिवस को हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस के मध्य अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि दोनों ही दिवसों का उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना तथा विष्व स्तर पर उसे प्रतिष्ठित करना है।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ रक्षा सिंह ने कहा कि विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई साथ ही उन्होंने यह बताया
कि आज भारत में लगभग 150 संस्थाएं हैं जो हिंदी के प्रचार प्रसार में संलग्न है महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने उक्त कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हिंदी विभाग महाविद्यालय में अध्ययनरत अहिंदी भाषी विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करने और हिंदी साहित्य के प्रति लगाव उत्पन्न करने में निरंतर प्रयासरत है।