छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

नही मिला नये पट्टे का प्रारूप तो टल गई पट़टा देने की घोषणा

भिलाई। भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में आवासीय पट्टा नवीनीकरण के लिए हितग्राहियों की एसडीएम कोर्ट में पेशी तो हुई पर नया पट्टा देने की घोषणा टल गई। राजस्व विभाग को नये पट्टे का प्रारूप नहीं मिलने से यह नौबत आई। पेशी में पहुंचे हितग्राहियों से आवश्यक पूछताछ के बाद फोटो तथा पुराने पट्टे के आधार पर लागू भू भाटक पटाने की अंतिम रसीद जमा कर बैरंग लौटा दिया गया।

वर्ष 1984 में पट्टा प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को नया पट्टा मिलने में अभी देर लगेगी। भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र के हितग्राहियों को 8 अगस्त से नया पट्टा वितरण किया जाना था। इसके लिए निगम की ओर से वार्डवार कार्यक्रम तय कर हितग्राहियों के लिए भिलाई-3 के सिरसा गेट चौक के समीप स्थित एसडीएम कोर्ट में पेशी की तारीख मुरुर्रर की गई थी। 8 अगस्त को पहले दिन निगम के वार्ड क्रमांक 7, 8 और 9 के उन हितग्राहियों को पेशी में उपस्थित होने को कहा गया था, जिन्होंने पिछले दिनों पट्टा नवीनीकरण शिविर में आवेदन प्रस्तुत किया है। लेकिन पेशी में पहुंचे हितग्राहियों को केवल काबिज भूमि के बारे में जरुरी पूछताछ कर फोटो तथा भू भाटक की जमा रसीद लेकर लौटा दिया गया।

बताया जाता है कि शासन द्वारा वितरित किए जाने वाले नवीनीकृत पट्टे के प्रारूप की प्रीटिंग नहीं हो सकी है। यह काम कब पूरा होगा इसकी भी जानकारी राजस्व विभाग के जिम्मेदार दे नहीं पा रहे हैं। इस बात पर संबंधित वार्ड के पार्षदों से भी अधिकारियों की नोकझोक चलती रही। पार्षद रामखिलावन वर्मा का कहना है कि राजस्व विभाग ने पेशी के दिन ही नया पट्टा दिए जाने की बात कही थी। जब पट्टा छपकर तैयार नहीं है तो पेशी की तारीख बढ़ा दिया जाना चाहिए था। पार्षद लावेश मदनकर ने कहा कि पट्टा नवीनीकरण प्रक्रिया में आवेदक के रूप में ज्यादातर बुजुर्ग है। ऐसे बुजुर्गों को जब पेशी में बुलाया गया है तो उनके उम्र को देखते हुए एसडीएम कोर्ट में बैठने तथा पीने के पानी की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए।

ज्ञातव्य हो कि शासन के निर्देश पर निगम द्वारा वार्डों में शिविर लगाकर राजस्व विभाग के माध्यम से वर्ष 1984 के पट्टाधारियों को नया पट्टा देने पिछले दिनों आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। आवेदन प्रक्रिया के साथ ही आवश्यक दस्तावेज भी लिए गए हैं। अब पेशी में आने वाले हितग्राहियों से पुन: फोटो तथा भू भाटक की रसीद मागी जा रही है। इस वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना ड़ रहा है।

दरअसल पुराने पट्टाधारियों को पेशी में आवश्यक जानकारी लेकर नया पट्टा प्रदान किए जाने की सूचना दी गई है। लिहाजा वे खाली हाथ ही एसडीएम कोर्ट पहुंच गए। लेकिन उन्हें नया पट्टा तो मिला नहीं उल्टे फोटो तथा भू भाटक की रसीद के लिए भाग दौड़ करनी पड़ी।

पट्टे के लिए मौके पर जमा हो रहा भू भाटक

पट्टे पर लागू भू भाटक की राशि नगर निगम वसूलती है। ऐसे में नवीनीकृत पट्टा लेने पहुंचे हितग्राहियों के लिए भू भाटक की बकाया राशि जमा कर रसीद लेने एसडीएम कोर्ट में निगम कार्यालय तक जाना पड़ रहा था। इस दिक्कत की ओर पार्षदों के द्वारा ध्यानाकर्षण कराये जाने के बाद निगम का अमला एसडीएम कोर्ट में ही संबंधित हितग्राहियों के पट्टे का बकाया भू भाटक जमा कर रसीद देने लगा। इससे हितग्राहियों को राहत मिली। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 में दिए गए पट्टे पर प्रति वर्ग मीटर एक रुपए की दर से भू भाटक लागू किया गया था। बावजूद इसके ज्यादातर पट्टेधारी इसके भुगतान के प्रति उदासीन बने रहे।

यह भी देखे…

Related Articles

Back to top button