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सैलरी सरकार से और सेवाएं प्राइवेट हॉस्पिटल से लेने का दबाव बनाने वाली महिला डॉक्टर प्रियंका चंद्राकर का कारनामा बेनकाब

छत्तीसगढ़ के धमतरी के जिला अस्पताल में तैनात एक सरकारी महिला डॉक्टर के गड़बड़झाले के बारे में जानकर आप हैरान रहे जाएंगे। ये महिला डॉक्टर सैलरी तो सरकार से ले रही है लेकिन मरीजों को सेवा करवाने के लिए प्राइवेट अस्पताल का पता लिख दी रही है।

जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर प्रियंका चंद्राकर द्वारा जिला अस्पताल में उपचार की तमाम सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी एक महिला को त्वरित इलाज नहीं देकर प्राइवेट अस्पताल का नंबर थमाने का मामला सामने आया है। और निजी अस्पताल में उसे प्रसव करवाने की नसीहत देने का आरोप परिजनों के द्वारा लगाया गया है।

भखारा थाना क्षेत्र के भोथीपार निवासी संतराम यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव 21 वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण गर्भधारण से लेकर प्रसव तिथि तक का इलाज धमतरी जिला अस्पताल में ही करवा रहा था। उन्होंने बताया की गर्भावस्था संपूर्ण तिथि उपरांत प्रसव पीड़ा से तड़पती हुई प्रसव के लिए गांव के मितानिन गीता साहू के सहयोग से जिला अस्पताल का शरण लिया। मगर जिला अस्पताल में पहला बच्चा होने की बात कहकर अस्पताल में त्वरित ऑपरेशन नही होने की बात कहते हुए तीन दिन बाद ऑपरेशन होने की दलीलें दी गई। और डॉक्टर प्रियंका चंद्राकर के द्वारा एक पर्ची में मोबाइल नंबर लिख कर दिया गया। और उनसे फुसफुसाते हुए कहा गया कि उक्त नंबर में कॉल कर ऑपरेशन वहीं करवा ले। ये मोबाइल नंबर शहर के एक निजी ओजस्वी नर्सिंग होम का था। फिर थोड़ी देर बाद ओजस्वी नर्सिंग होम का कॉल मितानिन गीता साहू के नंबर पर आया। और वहीं पर ऑपरेशन के माध्यम से डिलिवरी करवाने के लिए कहा गया।

आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण दंपति प्रसव के लिए पूर्ण रूप से जिला अस्पताल पर ही निर्भर थे। परंतु डॉक्टर की बेरुखी और समय पर त्वरित इलाज नहीं होने की परिस्थिति ने दंपति को प्राइवेट अस्पताल की ओर धकेल दिया। जैसे तैसे ये परिवार जिला अस्पताल के निकट एक प्राइवेट अस्पताल में सर्जरी के माध्यम से डिलीवरी करवाई गई। लेकिन वहां डॉक्टरों का ये कहना था की थोड़ी देर और हो जाती तो मामला क्रिटिकल हो सकता था।

जिला अस्पताल में डॉक्टर प्रियंका चंद्राकर के द्वारा इलाज में बरती गई लापरवाही और प्राइवेट हॉस्पिटल की मोटी बील पीड़ित दंपत्ति के लिए किसी सदमे से कम नही।

पीड़ित परिवार ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डीके तुर्रे सहित जिला कलेक्टर पीएस एल्मा को लिखित शिकायत के माध्यम से डॉक्टर प्रियंका चंद्राकर के ऊपर निजी स्वार्थ तथा काली कमाई के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में केस रिफर करने का आरोप लगाया गया है। आरोपी महिला डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग की गई है। साथ ही इलाज में लगे राशि का निराकरण करने जिला स्वास्थ्य विभाग से गुहार भी लगाई है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की ये शर्मनाक हरकत कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी इस तरह से गरीबों की इलाज में लापरवाही और पैसे की मांग करने के मामले सामने आते रहे हैं।

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