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*राज्य सरकार की मनमानी, कृषि आधारित उद्योगों को दरकिनार कर प्रदूषण वाले उद्योग स्थापना को दे रहे तवज्जो*

*(बेरला ब्लाक के ग्राम बोरिया में स्पंज आयरन प्लांट स्थापना के लिए जन सुनवाई आज, विरोध में किसान लामबंद)*

 

*(किसान नेता योगेश तिवारी के समर्थक जनसुनवाई में दर्ज कराएंगे आपत्ति)*

 

बेमेतरा:- राज्य सरकार मनमानी कर कृषि प्रधान बेमेतरा जिला में प्रदूषण वाले उद्योग स्थापना के लिए उद्योगपतियों को सब्सिडी दे रही है। इसके विपरीत प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा जिले में फूड पार्क और शुगर मिल स्थापना की घोषणा को दरकिनार कर दिया गया। उक्त बाते किसान नेता योगेश तिवारी ने कही है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान बेमेतरा जिला में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना का क्षेत्र के किसान स्वागत करेंगे, लेकिन स्पंज, स्टील समेत अन्य प्रदूषण वाले उद्योगों का पुरजोर विरोध किया जाएगा क्योंकि सिलतरा उरला सरोरा की वर्तमान मे स्थिति काफी खराब है। यहां प्रदूषण से लोग परेशान हैं। क्षेत्र में प्रदूषण वाले उद्योग स्थापना यहां पूरी ताकत झोंक दी गई है जबकि कृषि आधारित उद्योग की स्थापना की कोई बात नहीं की जा रही है। इससे किसानों के हितों का दावा करने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसलिए किसान नेता योगेश तिवारी ने गांव के सरकारी स्कूल में बुलाई गई जनसुनवाई का एकजुट होकर विरोध करने की अपील की है।

 

*फ़ूड पार्क के लिए 118 हेक्टेयर जमीन चयनित, दो साल बाद भी स्थापना पर पहल नही*

किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि वे निजी काम से बाहर हैं, लेकिन उनके समर्थकों के द्वारा बोरिया में प्लांट स्थापना का पुरजोर विरोध किया जाएगा। जनसुनवाई स्थल पर आपत्ति दर्ज कराने ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिले के बेमेतरा ब्लाक के ग्राम चंदनू में फूड पार्क के लिए 82.76 हेक्टेयर, बेरला के ग्राम सिंगारडीह में 16 हेक्टेयर, नवागढ़ के ग्राम अकोली में 12 हेक्टेयर एवं साजा के ग्राम राखी में 7.66 हेक्टेयर जमीन चयनित की गई है, बावजूद अब तक इन चयनित स्थानों पर फ़ूड पार्क समेत अन्य कृषि आधारित उद्योग स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जबकि विरोध के बावजूद प्रदूषण वाले प्लांट स्थापना के लिए शासन प्रशासन जुटा हुआ है।

 

*भावी पीढ़ी को सुरक्षित करने, क्षेत्र के किसान जनसुनवाई का करे विरोध*

 

किसान नेता योगेश तिवारी ने क्षेत्र के किसानों से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि हम सभी को क्षेत्र में प्रदूषण वाले प्लांट की स्थापना का पुरजोर विरोध करना है क्योंकि भावी पीढ़ी को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है। क्षेत्र में लोग कृषि कार्य करने के साथ सादगी पूर्ण और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, लेकिन प्रदूषण वाले उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहां क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदूषण बढ़ेगा।  वही लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कृषि कार्य में ही रोजगार की संभावनाएं तलाशी जा सकती है। रोजगार देने के नाम पर लोगों को छला जाता है और उद्योगों में स्थानीय को दरकिनार कर बाहरी लोगों की भर्ती की जाती है।

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