मुख्यमंत्री बघेल बोले- छत्तीसगढ़ में अब न कोई फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी कर सकेगा न राजनीति
सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब न कोई फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी कर सकेगा आैर न राजनीति। बघेल ने किसी का नाम तो नहीं पर उनका इशारा पूर्व सीएम अजीत जोगी की ओर था। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राजधानी के इंडोर स्टेडियम में हुए समारोह में सीएम ने विभागीय मंत्री आैर सचिव से कहा कि एक महीने के भीतर जितने भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले हैं उसका परीक्षण कर उसे निपटा लिए जाएं। दरअसल बघेल ने छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण पत्र के किए गए सरलीकरण की जानकारी दे रहे थे। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने में लोगों को बहुत तकलीफ होती है।
लेकिन हमने कहा है कि जिनके पिता का जाति प्रमाण पत्र है उनके बच्चों को पैदा होते ही जाति प्रमाण पत्र बनाकर दें।बघेल ने कहा कि कोंडागांव में गोदी में लेकर आए दो बच्चों को उन्होंने जाति प्रमाण पत्र दिया है। एेसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसके नहीं होने से बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता, स्कालरशिप में परेशानी होती है नौकरी नहीं मिलती। इसलिए इसके लिए हमने वरिष्ठ आदिवासी विधायक रामपुकार सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है आैर इसके सरलीकरण की प्रक्रिया को जल्द लागू करने के लिए भी कहा है।
कश्मीर की जमीन पर भी नजर :बघेल ने कहा कि लोकसभा में धारा 370 आैर 35 ए को हटाए जाने की पूरे विश्व में चर्चा हो रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया में भी बातें चल रही हैं लोग वहां जाकर जमीन खरीदने आैर बसने की बात कह रहे हंैं। लेकिन छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है जहां पर आदिवासी की जमीन आदिवासी के अलावा कोई दूसरा नहीं खरीद सकता। उन्होने कहा कि पूर्व की सरकार ने एक काला कानून लाया था जिसमें आदिवासी की जमीन आपसी समझौते से किसी के भी खरीदने की बात कही गई थी। हमने सरकार में आते ही इस कानून को बदल दिया। क्योंकि जल,जंगल आैर जमीन नहीं होंगे तो आदिवासी भी समाप्त हो जाएंगे। उन्होने कहा कि आदिवासियों की परंपरा जीवित रहे इसके लिए हम संकल्पित हैं।
नंदिया बैला आैर करु भात की व्यवस्था भी :बघेल ने कहा कि आदिवासी दिवस की पहली बार छुट्टी दिए हैं। हरेली, तीजा की भी छुट्टी है। अब हम आने वाले दिनों में बच्चों के लिए नंदिया बैला आैर तिजहारिन बहनों के लिए करु भात की व्यवस्था भी करेंगे।
अधिकारी छत्तीसगढ़ी में भाषण दे रहे हैं यही बदलाव है :बघेल ने कहा कि छह-सात महीने में हमने बहुत काम किए हैं लेकिन अभी बहुत काम करना बाकी है। आज विश्व में छत्तीसगढ़ का नारा गूंज रहा है। छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरवा, घुरवा, बारी। जब पहली बार मैने बताया तो अधिकारी रट्टा मारने लगे आैर पूछने लगे ये नरवा, गरवा, घुरवा, बारी क्या है। अब हर अधिकारी छत्तीसगढ़ी में भाषण दे रहा है। ये है बदलाव, लोगों को लगने लगा है कि अब उनकी सरकार बनी है। उन्होने कहा कि एसीएस खेतान ने अास्ट्रेलिया में जाकर नरवा योजना की जानकारी दी । इसी तरह कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष की बहन चीन से लौटी हैं। उसने भी वहां सरकार की योजना की जानकारी दी जिसके बाद चीन के लोग इसे देखने के लिए यहां आना चाहते हैं। बघेल ने कहा कि ये हमारा जीवन दर्शन है। इससे किसान,मजदूर, अादिवासी की जीवन शैली में सुधार आएगा। अर्थव्यवस्था सुधरेगी, रोजगार मिलेगा आैर पर्यावरण भी बचेगा।
सार्वजनिक दावे के तहत दिए जंगल का पट्टा :बघेल ने कहा कि जंगल को बचाने आैर उससे रोजगार पैदा करने के लिए हमने सामुदायिक दावा के तहत जंगल का पट्टा आदिवासियों को दिया है। हमने 10 गांव के आदिवासियों को दो-दो हजार एकड़ का पट्टा देकर आए हैं।
दो अक्टूबर से कुपोषण मुक्ति अभियान :बघेल ने कहा कि एक लाख कराेड़ के बजट में भी बच्चे कुपोषित हैं। महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं। इसे दूर करने के लिए दो अक्टूबर से हम बच्चों आैर महिलाआें को गरम भोजन देने की कुपोषण मुक्ति अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। प्रदेश के सभी आकांक्षी जिलों में इसकी शुरूआत की जाएगी। अभी पायलट प्रोजेक्ट के रुप में बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा आैर कोरबा के कुछ पंचायतों में चल रहा है।
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