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ब्रिटेन में ओमिक्रॉन का कहर: अस्‍पतालों में बढ़े मरीज, संकट में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं Omicron’s havoc in Britain: patients increased in hospitals, health services in crisis

लंदन. ब्रिटेन (britain) में ओमिक्रॉन (Omicron)  का कहर ऐसा हो रहा है कि अस्‍पतालों में मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है. हालात ऐसे बन गए हैं कि स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं ही संकट में हैं. यहां लोग क्रिसमस की छुट्टियों के बाद काम पर लौट आए हैं, इसके बावजूद हालात बेकाबू हो रहे हैं. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (british prime minister boris johnson) ने प्रभावित क्षेत्रों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने का वादा किया है. यहां संक्रमित मामलों की संख्‍या ने नए साल में रिकॉर्ड बना दिया है. हालांकि पिछली कोरोना लहर की तुलना में अस्‍पतालों में भर्ती लोगों की संख्‍या कम है, वहीं लोगों को जीवन रक्षक उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ी है.ब्रिटेन की राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सेवा ने कहा है कि सर्दियों के दौरान मौसमी बुखार और सांस संबंधी मामलों के कारण अस्‍पतालों में मरीजों की संख्‍या कुछ ज्‍यादा रहती थी, लेकिन इस बार हेल्‍थ वर्कर्स के बीमार पड़ने और संक्रमित होने के कारण उन्‍हें उनके घरों पर ही रहने की सलाह दी गई है. ऐसे में कुछ स्‍थानों पर कर्मचारियों की कमी महसूस हो रही है. इसी तरह परिवहन नेटवर्क भी कर्मचारियों की अनुपस्थिति से जूझ रहे हैं. सार्वजनिक सेवाएं बाधित होने से भी कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ा है.वैक्‍सीन और सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मैगी थ्रोप ने स्‍काई न्‍यूज को बताया कि ओमिक्रॉन के कारण संक्रमण बहुत तेजी से फैला और क्रिसमस के दौरान इससे कई लोग संक्रमित हुए. उन्‍होंने कहा कि होम आइसोलेशन और सेल्‍फ क्‍वारंटीन होने वालों की संख्‍या अभी बताई नहीं जा सकती. लेकिन यह अच्‍छी बात है कि यह संक्रमण गंभीर नहीं लगता. 

करीब 50,000 कर्मचारी पिछले हफ्ते काम पर नहीं आए क्‍योंकि वे या तो बीमार थे या फिर वे सेल्‍फ आइसोलेशन में थे.

इधर कम से कम छह अस्पताल ट्रस्टों ने गंभीर घटनाओं की घोषणा की है, जिसका मतलब है कि महत्वपूर्ण सेवाएं खतरे में हो सकती हैं. वहीं एनएचएस परिसंघ के सीईओ मैथ्यू टेलर ने कहा कि लंदन में मामले कम हो गए हैं. वे इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. 

देश के बाकी हिस्सों में कर्मचारियों की कमी और संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

सीईओ मैथ्यू टेलर ने कहा कि हेल्‍थ वर्कर्स की अनुपस्थिति चिंताजनक है. उन्‍हें चौबीसों घंटे काम करना पड़ता है. वर्कर्स की कमी के कारण अस्‍पतालों पर भारी दबाव है. उन्‍होंने कहा कि पॉजिटिव होने वाले किसी भी व्‍यक्ति को निगेटिव होने के बाद भी कम से कम सात दिनों के लिए सेल्‍फ आइसोलेशन करना पड़ता है. टेलर ने कहा कि सेल्‍फ आइसोलेशन की अवधि को पांच दिनों तक कम करना केवल तभी किया जाना चाहिए जब यह बिलकुल सुरक्षित न हो. वहीं स्कूल लौटने वाले स्‍टूडेंट्स को भी बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की अनुपस्थिति का सामना करना पड़ा. स्‍कूलों में मर्ज की गई कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. एक ही कमरे में अलग-अलग कक्षाओं के स्‍टूडेंट्स को पढ़ाया जा रहा है. स्‍टूडेंट्स को अस्थायी उपाय के रूप में कक्षा में फेस मास्क पहनने की सलाह दी गई है.

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