अनाथ बच्चों की मां’ सिंधुताई सपकाल के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने प्रकट किया शोक President, Prime Minister expressed grief over the death of Sindhutai Sapkal, mother of orphans
नई दिल्ली. मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और ‘अनाथ बच्चों की मां’ के तौर पर पहचानी जाने वाली सिंधुताई सपकाल (Dr Sindhutai Sapkal) का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. डॉक्टरों ने यह जानकारी दी. पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित होने वाली सपकाल 75 वर्ष की थीं. उन्हें पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ शैलेश पुंताम्बेकर ने कहा, ‘ सपकाल का करीब डेढ़ महीने पहले हर्निया का ऑपरेशन हुआ था और वह तेजी से उबर नहीं पा रही थीं. आज, रात करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.’ गरीबी में पली-बढ़ीं सपकाल को बाल्यावस्था में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए संस्थानों की स्थापना की. उन्होंने 40 वर्षों में एक हजार से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनकी देखभाल की.
उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक व्यक्त किया. राष्ट्रपति भवन के ट्विटर से लिखा गया- ‘डॉ सिंधुताई सपकाल का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की प्रेरक गाथा था. वह अनाथों, आदिवासियों से प्यार करती थी और उनकी सेवा करती थी. साल 2021 में पद्म श्री से सम्मानित, उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य के साथ अपनी कहानी खुद लिखी. उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति संवेदना.’
सपकाल को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रयासों के कारण कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं. मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा के वास्ते सदैव याद किया जाएगा. उनके प्रयासों की वजह से कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ सिंधुताई सपकाल ने हाशिये पर पड़े समुदायों के बीच भी काफी काम किया. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.’
राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संवेदना प्रकट की. उन्होंने लिखा डॉ सिंधुताई सपकाल के निधन पर मेरी संवेदना. कई अनाथों की देखभाल के लिए उन्हें ‘माई’ के रूप में याद किया जाएगा. आदिवासी समुदायों के अधिकारों और पुनर्वास के लिए उनका व्यापक कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.