देश दुनिया

देश की किस वैक्सीन पर सबसे अच्छा रिजल्ट देगा कोवावैक्स बूस्टर डोज, वैज्ञानिक ने किया खुलासा Which vaccine of the country will give the best result on the Kovavax booster dose, the scientist revealed

नयी दिल्ली.  प्रख्यात विषाणु वैज्ञानिक डॉ. शाहिद जमील ने कहा कि भारत में कोविड-19 के खिलाफ जिन टीकों को मंजूरी दी गई है उनमें कोवावैक्स (Covavax ) उन लोगों के लिये बेहतर बूस्टर खुराक (Booster Dose)   होगी जिन्हें पहले कोविशील्ड का टीका (Covishield vaccine)  लगा है. उनका मानना है कि फिलहाल उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोविशील्ड की ही एक और खुराक (बूस्टर खुराक) से कोवावैक्स बेहतर विकल्प होगा. भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इनसाकॉग) के परामर्श समूह के पूर्व प्रमुख जमील ने कहा कि फिलहाल टीकों के अन्य संयोजनों के लिये आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, इस वक्त मौजूद आंकड़े यह सुझाव देते हैं कि भारत में स्वीकृत टीकों में जिन लोगों को कोविशील्ड का टीका लगा है उन्हें इसी टीके की एक और खुराक (बूस्टर खुराक) दिए जाने के बजाए कोवावैक्स बेहतर बूस्टर खुराक होगी.  अधिकारियों ने हालांकि कहा कि ‘एहतियाती खुराक’ उसी टीके की तीसरी खुराक होगी जो पूर्व में किसी व्यक्ति को लगे होंगे.कोवावैक्स (Covavax)  को अमेरिका स्थित टीका निर्माता नोवावैक्स इंक ने विकसित किया है और उसने वाणिज्यिक उत्पादन के लिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से लाइसेंस करार की घोषणा की थी. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोवावैक्स को सोमवार को मंजूरी दी है.

विषाणुविज्ञानी गगनदीप कंग ने कहा कि भारत में फिलहाल इस संदर्भ में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि तीसरी खुराक के तौर पर किस टीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.उन्होंने हालांकि ब्रिटेन के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें उन व्यक्तियों में उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का आकलन गया था जिन्हें पहले से ही एस्ट्राजेनेका (कोविशील्ड) वैक्सीन की दो खुराक मिल चुकी है और उन्हें बूस्टर खुराक के तौर पर या तो उसी टीके की तीसरी खुराक दी गई या नोवावैक्स (भारत में जिसे कोवोवैक्स के रूप में जाना जाता है) टीका लगाया गया. उन्होंने कहा कि अध्ययन में पाया गया कि कोविशील्ड की एक तीसरी खुराक ने ज्यामितीय माध्य अनुपात (जीएमआर) में 3.25 की वृद्धि की, जबकि कोवोवैक्स की एक बूस्टर खुराक से आठ गुना वृद्धि हुई और एक एमआरएनए टीके से इसमें 24 गुना तक की बढ़ोतरी हुई

Related Articles

Back to top button