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कैसा रहा छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा का हाल, जानिए यहां How was the condition of school education in Chhattisgarh, know here

साल 2021 में स्कूल शिक्षा में कोरोना संक्रमण का बड़ा असर रहा. ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए ही छात्रों की पढ़ाई जारी रही. स्कूलों में सिलेबस भी कम किये गये लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पढ़ाई उस ढंग से सामान्य नहीं हो पायी जिसकी उम्मीद की जा रही थी.

छत्तीसगढ़ में इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल सूने रहे. कोरोना महामारी की वजह से स्कूलों को बंद रखा गया और बच्चों की परीक्षा घर बैठकर ओपन बुक और ब्लैंडेड मैथड से ली गयी. प्री-प्राइमरी, प्राइमरी और मिडिल स्कूल की परीक्षा छात्रों ने घर बैठे दी. वहीं छत्तीसगढ़ में इस साल 10वीं बोर्ड के लिए केवल असाइनमेंट के आधार पर ही अंक दिये गये वहीं 12वीं बोर्ड के छात्रों को आंसरशीट और क्वेश्चन पेपर घर ले जाकर साल्व करने के लिए दिया गया. प्रदेश में स्कूल खुलने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति आधे साल साल तक बनी रही.जुलाई –अगस्त से कोरोना संक्रमण की दर कम होने लगी थी और स्कूली छात्रों की पढ़ाई भी उतनी ही जरूरी थी. ऐसे में प्रदेश में 2 अगस्त का वो दिन था जब एक बार फिर से स्कूलों में हलचल सुनाई देने लगी. 10वीं और 12वीं बोर्ड की क्लासेस शुरू की गयी और फिर ठीक एक महीने बाद 2 सितम्बर के दिन 50 फीसदी उपस्थिति के साथ छठवीं, सातवीं, नौंवी और 11वीं कक्षा तक के स्कूल खोलने के निर्देश दिये गये.

स्कूल खुलने के दिन
धीरे-धीरे संक्रमण की दर जैसे ही 1 फीसदी से भी कम हो गयी. नवंबर माह में प्रदेश में पूरी क्षमता के साथ स्कूल खोलने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी कर दिये. हांलाकि पूरी क्षमता के साथ स्कूल खोले जाने की वजह से स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग तो नज़र नहीं आयी लेकिन सभी छात्र मास्क में ही दिखाई दिये.

एजुकेशन एक्सपर्ट मुकेश शाह का कहना है कि कोविड संक्रमण की वजह से स्कूल बंद किये गये और इसका बूरा असर ये हुआ कि बच्चों में याद करने की क्षमता और पढ़ने में रूचि कम हुई है साथ ही राइटिंग स्किल पर भी इसका बुरा असर पड़ा है.साल के अंत में एक बार फिर से कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है. वहीं कई स्कूलों में बच्चे कोविड पॉजिटिव भी पाये गये हैं. ऐसे में आने वाले साल में स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकता है.

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