छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

कांग्रेस का महापौर बनने के आसार से जागी उम्मीद,अब सीएम क्षेत्र की गरिमा के अनुरूप होगा होगा विकास

भिलाई। भिलाई-चरोदा नगर निगम में पहली बार कांग्रेस का महापौर बनने का स्पष्ट आसार नजर आने के बाद जन उम्मीदें जाग उठी है। अब इस क्षेत्र का विकास मुख्यमंत्री निवास क्षेत्र की गरिमा के अनुरूप आने वाले दिनों से तेजी के साथ साकार होगा। प्रदेश का नगरीय प्रशासन विकास विभाग इस सोच के साथ भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र को पहले ही विशेष दायरे में ले चुका है। भिलाई-चरोदा नगर निगम में कांग्रेस पार्टी की सत्ता आने में पार्षदों के संख्या को देखते हुए संदेह नहीं रह गया है।

40 में से 19 पार्षदों के साथ कांग्रेस इस नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस के साथ चार निर्दलियों का भी समर्थन होने की बात सामने आ रही है। इस लिहाज से कांग्रेस के पास अपने खुद के 19 को मिलाकर कुल 23 पार्षदों का स्पष्ट बहुमत होने से महापौर और सभापति बनाने में किसी तरह की शंका- कुशंका नहीं रह गई है। कांग्रेस को अपना महापौर और सभापति बनाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत पडऩी है। जबकि उसे  23 पार्षदों का समर्थन प्राप्त है। भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्थानीय निवास है। नगर पालिका रहते तीन और नगर निगम बनने के बाद हुए एक चुनाव में यहां कांग्रेस यहां पर सत्ता से दूर रहीण् ऐसा पहली बार है कि महापौर और सभापति दोनों कांग्रेस पार्टी के खाते में जाता दिख रहा है।

इसे देखते हुए भिलाई-चरोदा में मुख्यमंत्री निवास क्षेत्र की गरिमा के अनुरूप विकास के बड़े सपनों का साकार होना तय माना जा रहा है। इस बार मुख्यमंत्री के निवास वाले वसुंधरा नगर के साथ ही पदुम नगर वार्ड में भी कांग्रेस के पार्षद चुने गए हैं। इसके अलावा परम्परागत रूप से भाजपा के खाते में जाने वाली वार्डों पर भी कांग्रेस जीती है। यह साफ दर्शाता है कि मुख्यमंत्री पर भिलाई-चरोदा की जनता के भरोसे में इजाफा हुआ है।

गौरतलब रहे कि नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने तीन साल पहले ही पाटन नगर पंचायत और कुम्हारी नगर पालिका के साथ ही भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र को मुख्यमंत्री निवास क्षेत्र की गरिमा के अनुरूप विकास करने का रुपरेखा तय कर रखा है। पाटन और कुम्हारी में तो विकास के बड़े बजट वाले सपनों को साकार करने का कार्य प्रगति पर है। भिलाई-चरोदा में भाजपा का महापौर रहने से विकास कार्यों को पाटन और कुम्हारी की तरह गति नहीं मिल सकी। अब जब कांग्रेस का महापौर और सभापति बनने का आसार है तो स्थानीय नागरिकों की विकास कार्यों को लेकर उम्मीद जाग उठी हैण्चुनाव से ठीक पहले 39 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी मिल चुकी है।

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