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वैज्ञानिकों का दावा- ओमिक्रॉन का मुकाबला कर सकते हैं MRNA आधारित वैक्सीन Scientists claim – mRNA based vaccine can compete with Omicron

नई दिल्ली. पिछले करीब दो साल से कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरी दुनिया में कोहराम मचा है. अब तक कोई भी ठोस दवा इस वायरस को मात देने के लिए नहीं बनाई जा सकी है. लिहाजा इससे बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीन है. लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट वैज्ञानिकों के लिए चुनौती खड़ी कर देते हैं. उधारण के तौर पर कोरोना के नए वेरिेंएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन कारगर है या नहीं फिलहाल कहना मुश्किल है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर एमआरए तकनीक (MRNA) आधारित कोई वैक्सीन बनाई जाती है तो उसमें बदलाव करना आसान होता है. ऐसे में किसी भी वेरिएंट के खिलाफ ये कारगर हो सकती है.वैज्ञानिक किजमेकिया कॉर्बेट, बार्ने ग्राहम, कैटलिन कैरिको और ड्रू विसमैन ने एमआरएन आधारित वैक्सीन पर काम किया. हंगरी में जन्मी कैरिको के मुताबिक अगर एमआरए तकनीक पर सही तरीके से काम किया जाए तो फिर शरीर को एक दवा फैक्ट्री के तौर पर काम में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘एमआरएनए वैक्सीन के प्लग एंड प्ले फीचर से किसी भी वैक्सीन को नए वेरिएंट से लड़ने के लिए एक महीने के अंदर तैयार किया जा सकता है.हंगरी की इस महिला वैज्ञानिक का नाम फाइज़र और बायोएनटेक की वैक्सीन के पीछे रहा. क्लीनिकल ट्रायलों में 95 फीसदी असरदार पाई गई इस वैक्सीन के लिए कैटलिन की भूमिका यह रही कि जब आरएनए तकनीक को वैक्सीन के लिए अव्यावहारिक आइडिया माना जा रहा था, तब उन्होंने इस पर काम  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को बताया कि 89 देशों में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन फैल गया है. WHO के मुताबिक हर डेढ़ से 3 दिनों में ये वायरस दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है. दुनिया भर के डॉक्टरों की नज़र फिलहाल इस वेरिएंट पर टिकी हैं. फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि मौजूदा वैक्सीन इसके खिलाफ कितना प्रभावी है

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