छत्तीसगढ़

विकास के पथ पर कबीरधाम, तीन वर्षों में जिले को मिली नई पहचान Kabirdham on the path of development, the district got a new identity in three years

 

विकास के पथ पर कबीरधाम, तीन वर्षों में जिले को मिली नई पहचान

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शहर से लेकर कस्बा और गांव से लेकर वनांचल के अंतिम छोर तक सरकार की योजनाओं को मिल रहा लाभ

कवर्धा, 17 दिसम्बर 2021। विकास परिवर्तन प्रकृति का नियम है। किसी भी समाज, देश, व विश्व में कोई भी सकारात्मक परिवर्तन जो प्रकृति और मानव दोनों को बेहतरी की ओर ले जाता है वही वास्तव में विकास की मूल अवधारणा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश में मुख्यमंत्री के सफलतम तीन वर्ष पूरे कर लिए है। आज से ठीक तीन वर्ष पहले 17 दिसम्बर 2018 को एक समृद्ध, सशक्त और एक मजबूत स्वाभिमान छत्तीसगढ़ राज्य की परिकल्पना को विशेष ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री की बागडोर सम्भाला था। आज प्रदेश के साथ-साथ कबीरधाम जिला भी एक समृद्ध, सशक्त और एक मजबूत छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के मंशा के अनुरूप प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में कबीरधाम जिला विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली महत्वकांक्षी योजनाओं से जिले के किसान, पशुपालक, महिलाएं, आदिवासी, वनाश्रित, युवा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, खेल, उद्योग, बिजली, शहरी विकास, पर्यटन, सहित प्रशासनिक सुविधाओं से कबीरधाम जिले में व्यापक बदलाव आए है।

विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को मिली नई पहचान

कबीरधाम जिले के दो विकाखण्ड बोडला और पंडरिया में विशेष पिछडी बैगा जनजाति निवासरत है। यह जनजाति मैकल पर्वत के जंगलों में निवासरत है। इनका अजीविका का मुख्य आधार वनोपज है। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा 17 से बढ़ाकर 56 प्रकार के वनोपज का समर्थन मूल्य निर्धारित कर न्याय और विकास को नई परिभाषा मिली है। इससे वनांचलों में रहने वाले इस विशेष बैगा जनजाति को विकास की नई राह मिली है। वित्तीय वर्ष 2020.21 में लघु वनोपज के क्रय के माध्यम से वन धन योजना अंतर्गत 13 प्रजातियों के 22 सौ 49 क्विंटल लघु वनोपज का संग्रहण किया गया है, जिससे 1618 हितग्राहियों को 87 लाख रुपए का आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है। शिक्षा की क्षेत्र में पहली बार राज्य शासन द्वारा कक्षा पहली और दूसरी के लिए जिले में प्रचलित बैगानी बोली में पुस्तक का प्रकाशन हुआ है। संस्कृति के साथ शिक्षा को जोड़ा गया। बैगा बच्चें अपनी संस्कृति के साथ शिक्षा के राह में आगे बढ रहे। प्रदेश में कबीरधाम पहला ऐसा जिला है, जहां विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शाला संगवारी के रूप में रोजगार दिया गया। इन जनजाति को न्याय के साथ-विकास समृद्ध बनाने की दृष्टि से बैगा अभिकरण का गठन किया इससे अब यह समाज शासन और प्रशासन के साथ सरकार की जनकल्याणकारी योनाओं का लाभ ले रहे है।

कबीरधाम जिले में प्रशानिक विकास और संभावनाएं

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा जिले में दो नवीन तहसील एवं दो नवीन नगर पंचायत के गठन की घोषणा की गई है, इससे जनता का शासन प्रशासन तक पहुँच आसान हो जाएगा। इसके तहत जिले के पिपरिया, कुकदूर को पूर्ण तहसील का दर्जा दिया गया। जिले के बडे ग्रामीण आबादी वाला गावं कुण्डा और इंदौरी को नगर पंचायत बनाई जाएगी।

जिले के 75 हजार 450 किसानो का 455 करोड़ 66 लाख रुपए का ऋण माफ़ किया

मुख्यमंत्री श्री भपेश बघेल ने मुख्यमंत्री बनने ही प्रदेश के डिफाल्टर का दंश झेल रहे किसानों को कर्ज से मुक्त करते हुए पुनः किसान का सम्मान दिलाया। अल्पकालीन ऋण माफ़ी योजना के अंतर्गत जिले के 75 हजार 450 किसानो का 455 करोड़ 66 लाख रुपये का ऋण माफ़ किया गया।

जिले के 95 हजार 929 धान उत्पादक किसानो को 192 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ सत्र 2020.21 के अंतर्गत जिले के 95 हजार 929 धान उत्पादक किसानो को 192 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसी प्रकार जिले के गन्ना उत्पादक किसानो को 64 करोड़ 85 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। विगत वर्ष कवर्धा में संचालित शक्कर कारखानों में गन्ने से शक्कर की रिकवरी दर में आमूलचूल वृद्धि हुई है,जिससे गन्ना उत्पादक किसानो को लगभग 40 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई है। गन्ने से शक्कर रिकवरी दर के आधार पर पंडरिया स्थित शक्कर कारखाना देश के सर्वश्रेष्ठ प्रथम 10 शक्कर कारखाने में सम्मिलित हुआ है। भोरमदेव शक्कर कारखाने परिसर के समीप एथेनोल प्लांट निर्माण के स्थल का चयन किए गए है। आने वाले निकट समय में कबीरधाम जिले को उद्योग विकास के क्षेत्र में नई पहचान बनेगी। धान और गन्ना उत्पादक किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर मिलेगी। उद्योग स्थापना के साथ-साथ आस पास के क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर भी बढेंगे।

गौपाल किसानों के चहरे में आई मुस्कान

गोधन न्याय योजना के तहत जिले में अब तक 205747 क्विंटल गोबर क्रय किया गया है तथा 17 दिसम्बर 2021 तक गोबर विक्रेताओ को 4 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान किया जा चूका है। ख़रीदे गए गोबर से स्व सहायता समूह के माध्यम से 51 हजार वर्मी कम्पोस्ट तैयार करते हुए इसे विक्रय कर स्व सहायता समूहों के सदस्यों को आर्थिक लाभ पहुचाया गया है। गोठानो को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत सामूहिक बाड़ी, मशरूम उत्पादनए सूअर पालन, कुक्कुट पालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन, वर्मी उत्पादन जैसे अनेक कार्य किए जा रहे है, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अच्छी प्रगति परिलक्षित हो रही है।

नरवा विकास से 42 नालो को मिली नई पहचान

राज्य शासन की महत्वकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना का भी जिले में सुचारू पूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिले के नालो का जीर्णोद्धार कर पुनः जीवित किया जा रहा है। अभी तक जिले के 42 नालो में 801 कार्य कराए गए है। इससे जल संरक्षण एवं संवर्धन तथा मृदा संरक्षण में अभूतपूर्व परिवर्तन परिलक्षित हो रहे है। जिन नालो में जीर्णोद्धार के कार्य किये गए है। उनके पास के गाँवों में जल स्तर में वृद्धि हुई है तथा गाँव के किसान दोहरी फसल लेने लगे है। जिले के समस्त नालो में जीर्णोद्धार के लिए कार्ययोजना तैयार कर क्रमबद्ध तरीके से नालो को पुनः जीवित करने का कार्य किया जा रहा है।

कुपोषण की दर में विगत दो वर्षो में 2 प्रतिशत की कमी आई

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत जिले में किये जा रहे कार्यो के फलस्वरूप कुपोषण की दर में विगत दो वर्षो में 2 प्रतिशत की कमी आई है। वर्त्तमान वित्तीय वर्ष में पाए गए कुपोषित बच्चो को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए बालक.बालिकावार समीक्षा की जा रही है।

मनरेगा से कबीरधाम को मिली पहचान

महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 46 हजार 809 हेक्टेयर भूमि में लगभग 43 करोड़ की लागत से भूमि उपचार का कार्य किये जा रहे है। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में कबीरधाम जिला राज्य में द्वितीय स्थान पर है।

घर तक पहुंच रही बैकिंग सुविधाएं

ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचलो में बैंकिंग व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 149 बैंक सखी नियुक्त किये गए है। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटीए गोधन न्याय योजनाए, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति योजना जैसे अनेक योजनाओ के हितग्राहियों को ग्राम में ही बैंकिंग व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिलेगा न्याय

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में न्याय के साथ विकास को आगे बढ़ाते हुए राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत जिले में अब तक 14 हजार 278 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए है। अब भूमिहीन कृषि मजदूरों को इस योजना से जोड़ने का काम किया जा रहा हैं। जिन्हें योजना अंतर्गत आर्थिक लाभ प्रदान की जाएगी।

धान,गन्ना के साथ साथ कोदो, कुटकी रागी फसल भी समर्थन मूल्य पर खरीदी

इस खरीफ सीजन में धान एवं गन्ना के साथ साथ कोदो, कुटकी, रागी फसल की भी वन धन केंद्र के माध्यम से क्रय की व्यवस्था जिले में की गई है। राजीव गाँधी न्याय योजना के अंतर्गत धान एवं गन्ना के अतिरिक्त अन्य फसल लेने वाले कृषको को लाभ पहुंचाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत पंजीकृत किसानो को 9000 रुपये प्रति एकड़ के दर से प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाएगी।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली बच्चों को मिला बराबर का सम्मान

जिले के चारो विकासखंडो में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू की गई है। शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली बच्चों को न्याय मिला है। शिक्षा की बढ़ती महगांई से अभिभावकों, पालकों को बहुत राहत भी रही है। इस स्कूल में निजी स्कूल से भी ज्यादा अच्छी सुविधाएं मिल रही है। वाणिज्य,कला, विज्ञान,गणित के क्षेत्र में चयनित होकर शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। साथ ही कवर्धा स्थित स्वामी करपात्री जी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कवर्धा हिंदी मीडियम स्कूल में भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल जैसी सुविधाए उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किए जा रहे है। इस स्कूल में कक्षा 11वी एवं 12वी में अध्ययनरत इच्छुक विद्यार्थियों को उनके पढाई के साथ साथ वेल्डिंग की शिक्षा भी दी जा रही है। जिससे इन विद्यार्थियों को एक साथ दो डिग्रीया प्राप्त हो पायेगी, इसी प्रकार की सुविधा निकट भविष्य में जिले की अन्य 3 विकासखंडो में भी प्रारंभ की जावेगी।

शिक्षित युवक-युवतियों को मिला रोजगार के सुनहरे अवसर

डीएमएफ के माध्यम से जिले में शिक्षाए स्वास्थ्यए पेयजल सहित उत्खनन क्षेत्र के प्रभावित ग्रामो में बुनियादी सुविधाओं के लिए अनेक कार्य किए जा रहे है। जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति के 125 शिक्षित युवाओ को शाला संगवारी के रूप में रोजगार दिया जा रहा है। इसी प्रकार ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रो में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में सेकंड एएनएम के रूप में 100 से अधिक स्थानीय युवाओ एवं युवतियों को रोजगार दिए गए है। साथ ही डीएमएफ के माध्यम से बड़ी राशि स्वास्थ्य क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दी गई है। जिला अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सको चिकित्सको स्टाफ.नर्स और अन्य हेल्थ स्टाफ की नियुक्ति की गई है।

जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं का समुचित विकास

जिले के वनांचल क्षेत्रो में बाइक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही हैद्य जिले में मातृत्व स्वास्थ्य योजना अंतर्गत सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए मोटरबाइक एम्बुलेंस 2018 से संचालित हो रही है। दलदलीए बोक्करखार, झलमला, कुकदुर, छिरपानी जैसे दूरस्थ वनांचल क्षेत्रो में इनकी सेवाएं दी जा रही है। इससे वनांचल के 35 सौ से अधिक गर्भवती महिलाओ को संस्थागत प्रसव कराने और उन्हें सुरक्षित घर छोड़ने में मदद मिली है, इसके अतिरिक्त आपातकाल में भी बाइक एम्बुलेंस की सेवाएं ली जा रही है।

कोविड नियंत्रण से जनजीवन सुरक्षित, मिली पहचान

कोविड नियंत्रण की बात करें तो जिले में पहली और दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों की मदद से 700 ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करके मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की है। जिला अस्पताल परिसर में 750 लीटर प्रति मिनट व 1000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले दो ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की गई है। अब आवश्यकता अनुरूप निर्बाध ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजो को दी जा सकेगी। जिले की जागरूक जनता, मीडिया और सामाजिक.धार्मिक संगठनों के सहयोग से कोविड के दूसरे लहर के समय जिले की जनता को महामारी से सुरक्षित रखने में बहुत हद तक सफलता हासिल की है।

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