*कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा मे दिया गया मछली का आचार बनाने का प्रशिक्षण*
बेमेतरा:- राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा बाड़ी के अंतर्गत ग्रामीण औद्योगिक पार्क की योजना को साकार करने के लिए कलेक्टर बेमेतरा श्री विलास भोसकर संदीपान के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के द्वारा केन्द्रीय मत्स्यकीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन (केरल) के सौजन्य से मछली अचार बनाने की विधि पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति उपयोजना (एससी-एसपी) अंतर्गत 15 से 17 दिसम्बर 2021 को कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया, बेमेतरा में किया गया। कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र के मत्स्य विषेषज्ञ श्री तोषण कुमार ठाकुर ने प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में मत्स्य प्रसंस्करण व उसके विभिन्न मूल्य संवर्धित रेडी-टू-इट उत्पाद जैसे फिष पिकल, फिष कटलेट, फिष बाल, फिष वेफर्स एवं फिश कुरकुरे आदि के व्यवसायिक उपयोग, महत्व एवं संभावनाओं के बारे में जानकारी दिया एवं कृषकों को कम मूल्य वाली मछली का प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन करके कैसे अतिरिक्त आय प्राप्त करना है इसके बारे में कृषकों को जानकारी दिया। कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत ने प्रसंस्कृत मछली आचार को घरेलू उपयोग हेतु बनाने के साथ-साथ स्व-सहायता समूह के माध्यम से व्यवासयिक स्तर पर बाजार मांग के अनुसार मछली अचार का उत्पादन करने के लिए कृषकों को सलाह दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मत्स्यकीय महाविद्यालय, कवर्धा के डॉ. जितेन्द्र जाखर, वैज्ञानिक/सहायक प्राध्यापक (मत्स्य प्रसंस्करण) एवं उनकी टेक्नीकल टीम ने कृषकों को पंगास मछली के फिलेटिंग, डिस्केलिंग, कटिंग के साथ मछली अचार बनाने की पूरी विधि का प्रायोगिक प्रदर्षन कर प्रशिक्षण दिया साथ ही मछली अचार की अच्छी गुणवत्ता और उसे अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण जानकारी उपस्थित कृषकों को दिया । कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बनाये गये मछली अचार का केन्द्र के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा स्वाद (टेस्ट) का परीक्षण किया गया। अचार का स्वाद सभी के द्वारा बहुत पसंद किया गया। श्रीमती लीना कमलेश मंडावी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला-बेमेतरा के मार्गदर्शन में ग्राम-बरबसपुर, लालपुर, भवरदा एवं झाल के अनुसूचित जाति वर्ग के चयनित 20 महिला व पुरूष कृषकों के साथ मॉ गौरी लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह (मछली पालक), ग्राम-कटई, विकासखण्ड-नवागढ़ अनुसूचित जाति वर्ग के महिला कृषक शामिल रहे। इसके अलावा मछली अचार बनाने की विधि जानने के इच्छुक अन्य वर्ग के कुछ युवाओं ने भी इस कार्यक्रम का लाभ लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ. एकता ताम्रकार, डॉ. जितेन्द्र जोशी, डॉ. हेमन्त साहू, श्री पलाश चौबे, श्री भागवत प्रसाद वर्मा, श्री पंचूराम यादव, श्री स्पर्श पटेल एवं श्री ओमप्रकाश साहू का सहयोग रहा।