छत्तीसगढ़

समूह की महिलाओं ने गौपालन को बनाया आय का जरिया The women of the group made cow rearing a source of income

समूह की महिलाओं ने गौपालन को बनाया आय का जरिया
समूह की गतिविधियां अन्य महिलाओं को कर रही है प्रेरित 
नारायणपुर, 10 दिसम्बर 2021- शासन की मंशानुरूप समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं। इसके लिए लोक कल्याणकारी और हितग्राहीमूलक योजनाएं संचालित की जा रही है। इन्ही योजनाओं में से एक योजना है राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिसके तहत् ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा रहा है। ग्रामीण महिलायें अब उन कामों को भी करने की हिम्मत दिखाने लगी है, जिसे पहले महिलाओं के लिए कठिन माना जाता था। करलखा गांव की बम्लेश्वरी महिला समूह की महिला श्रीमती मिथलेश बाई जो कि घरेलू उपयोग हेतु गौपालन किया करती थी। उसने अपने समूह की महिलाओं को गौपालन करने के समझाईश दी।
समूह में जुड़ने से पहले श्रीमती मिथलेश के पास 4 गायें थी, उसने शुरूआती दौर पर अपनी ही गायों के जरिये गौपालन कर दुध विक्रय करना शुरू किया। उन्होंने अपनी समूह की अन्य महिलाओं को भी इस काम के लिए प्रेरित किया, जिससे प्रेरित होकर समूह की 4 अन्य महिलाओं ने भी गौपालन करने का निर्णय लिया। गौपालन के लिए अब जरूरी चीज थी पैसों की व्यवस्था। जिन्हें इन महिलाओं से सोच विचार कर बैंक से 1 लाख रूपये का ऋण लेकर गौपालन शुरू किया। उससे इन ग्रामीण महिलाओं ने किश्त और ब्याज की राशि जमा करना प्रारंभ किया, ऋण पूरा पट जाने के बाद इन महिलाओं ने समूह में पैसा जमा करना प्रारंभ किया, जिसे समूह की महिलाओं ने ऋण के रूप में लिया। इस प्रकार मां बम्लेश्वरी समूह की 6 महिलाओं ने बैंक से 5 बार ऋण लिया, जिसमें बैंक से कुल 14 लाख एवं समूह से 7 लाख लेकर गौपालन का काम शुरू किया। वर्तमान में इन समूह की महिलाओं के पास लगभग 50 उच्च नस्ल की गाय एवं भैंस हैं।
इस तरह समूह की महिलायें जिला मुख्यालय नारायणपुर में दूध की आपूर्ति करने वाली सबसे बड़ी समूह बन गयी है। समूह की इन 6 महिलाओं ने बैंक से करीब 22 लाख रूपये का ऋण लिया है। इससे प्रतिदिन लगभग 700 लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे ये 50 रूपये प्रति लीटर की दर से विक्रय करती है। इन महिलाओं को प्रतिदिन 35 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। इस प्रकार माह में कुल 10 लाख 50 हजार रूपये कमा रही है। इन महिलाओं की लगन एवं मेहनत को देखकर दूसरी महिलायें भी अब गौपालन करने का मन बना रही है।

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