दिल्ली-एनसीआर में कम हुई प्रदूषण की मार, रेड जोन में है राजधानी का सिर्फ एक इलाका Pollution hit in Delhi-NCR, only one area of the capital is in Red Zone
नई दिल्ली. दिल्ली और आसपास के इलाकों की हवा की गुणवत्ता (Delhi Air Quality) में पिछले कुछ दिनों से सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन यह अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. गुरुवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार में AQI 308 दर्ज किया गया, जो कि दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक है. जबकि दिल्ली के साथ गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में भी जहरीली हवा का असर कम हुआ है, लेकिन हालात चिंताजनक बने हुए हैं. वहीं, गुरुवार को दिल्ली के ओवरऑल एक्यूआई की बात करें तो यह 208 है, जो कि अभी भी खराब श्रेणी में है.
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को हवा चलने से वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया और शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 237 दर्ज किया गया. जबकि फरीदाबाद (188), गाजियाबाद (229), ग्रेटर नोएडा (154), गुरुग्राम (185) और नोएडा (186) में भी वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया. बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक के एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है.
बता दें कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (DPCC) ने 2015 से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 478 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस बात की जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर आवेदन के जवाब में बोर्ड ने बताया कि 2008 में स्थापित ‘ग्रीन फंड’ से वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई परियोजनाओं पर अब तक 467.67 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं