सनातन संस्कृति में प्रकृति रक्षण और पर्यावरण संचेतना को स्वाभाविक यज्ञ माना गया है …….आचार्य.रामकृष्ण तिवारी
रतनपुर -रतनपुर से लगे ग्राम मदनपुर में
बाल कृष्ण सेवा समिति तथा अग्रवाल समाज के द्वारा कराया जा रहा है श्री विष्णु महायज्ञ एवं दिव्य प्रवचन
का पहला दिन रामकृष्ण तिवारी ” ने कहा – वैदिक चिंतन से ही बचेगा – पर्यावरण। सनातन संस्कृति में प्रकृति रक्षण और पर्यावरण संचेतना को स्वाभाविक यज्ञ माना गया है। नैसर्गिक सह-अस्तित्व में ही मानव जीवन सुरक्षित है ! इसलिए प्राकृतिक जीवनशैली अपनाकर धरा की हरीतिमा सहेजें, वृक्षारोपण करें और पर्यावरण को संरक्षित रखें। बिना पर्यावरण शिक्षा के धरती के संरक्षण की कल्पना नही की जा सकती। पेड़-पौधों को सजीव और जीवन्त मानने का प्रमाण भारतीय वाङ्मय में विद्यमान है। ऋग्वेद में यही बताया गया है कि शुद्ध वायु कितनी अमूल्य है तथा जीवित प्राणी के रोगों के लिए औषधि का काम करती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुवर्धक वायु मिलना आवश्यक है। वृक्षों से ही हमें खाद्य-सामग्री प्राप्त होती है, जैसे – फल, सब्जियाँ, अन्न तथा औषधियाँ आदि। अथर्ववेद में कहा है – ‘भोजन और स्वास्थ्य देने वाली सभी वनस्पतियाँ इस भूमि पर ही उत्पन्न होती हैं। पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन के पोषण के लिए प्रकृति द्वारा दी गयी ‘अमूल्य भेंट’ है। पर्यावरण संरक्षण आज जीवमात्र के कल्याण के साथ-साथ प्रकृति सुरक्षा के लिए भी अति आवश्यक हो गया है। अत: आज के इस युग में पर्यावरण शिक्षा अति-आवश्यक और महत्वपूर्ण हो गयी है। यदि समय के रहते इस शिक्षा की ओर जनमानस का ध्यान आकर्षित नहीं किया गया तो प्रलय की स्थिति का आगमन अवश्यंभावी हो जायेगा। तो आइये ! हम प्रण लें कि अपनी धरती और पर्यावरण की हम रक्षा करेंगें और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरी-भरी और खुशहाल धरती ही हमारी और से एक बहुमूल्य उपहार होगी .इस अवसर पर अग्रवाल समाज के अशोक अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल राजकुमार गोयल, विनोद अग्रवाल, ललित अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, विजय अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल, पवन अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल बालकृष्ण सेवा समिति के सदस्य तथा अग्रवाल समाज के प्रबुद्ध जन बड़ी संख्या में
उपस्थित रहे