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सावधान हो जाएं! बागेश्वर में गोल्डी और अमूल के सैंपल मानकों पर फेल, कोर्ट में चलेगा केस Be careful! Goldie and Amul’s sample standards fail in Bageshwar, the case will go to court

बागेश्वर. यदि आप नामी कंपनियों के मसाले व दूध का उपयोग करते हैं तो सतर्क हो जाइए. खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिये गए सैंपलों में गोल्डी चिली पाउडर को असुरक्षित व अमूल मोती मिल्क का नमूने को अधोमानक पाया गया है. यही नहीं, इनके उत्पादकों के खिलाफ कोर्ट में वाद भी दायर किया गया है. यह मामला एक साल पुराना है, जब एक शिकायत के बाद खाद्य विभाग अधिकारियों ने इन प्रोडक्टों के नमूने लिये थे और उन्हें जांच के लिए भिजवाया गया था. इसके अलावा बागेश्वर ज़िले में ही पूर्ति विभाग द्वारा राशन कार्ड रद्द किए जाने के मामले में ग्रामीण महिलाएं विरोध प्रदर्शन पर उतर आईं.

गोल्डी का नमूना कैसे हुआ फेल?
अभिहित अधिकारी डॉ प्रकाश चंद्र फुलारा ने बताया कि पांच दिसंबर 2020 को सुरक्षा अधिकारी के रूप में उन्होंने भकुनखोला से गोल्डी चिली पाउडर का नमूना लेकर राजकीय औषधि एवं खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भिजवाया था. इस नमूने को मानकों पर उचित नहीं पाया गया था, तब कंपनी द्वारा पुनः रैफरल लैब से जांच कराई गई थी और तब भी नमूने को असुरक्षित पाया गया. नमूने में आइल सॉलिबल सिंथेटिक कलर पाया गया, जो कि असुरक्षित है. नमूने से संबंधित खाद्य कारोबारी के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय कुमार ने अवर न्यायाधीश गरुड़ के न्यायालय में वाद दायर किया है.

अमूल दूध का सैंपल भी फेल
एक अन्य मामले में तत्कालीन खादय सुरक्षा अधिकारी ने अयारतोली सब्जीसेरा से अमूल मोती टोण्ड मिल्क का नमूना लेकर जांच प्रयोगशाला भेजा था. इसमें सॉलिड नोट फैट न्यूनतम मात्रा से कम पाया गया और इसे मानकों के आधार पर फेल घोषित किया गया. इस मामले में भी खाद्य कारोबार कर्ता के खिलाफ कुमार ने न्याय निर्णायक अधिकारी के न्यायालय में वाद दायर करवाया है.

नाराज़ महिलाओं ने सरकारी दफ्तर में जड़ दिया ताला
इधर, बागेश्वर में पूर्ति विभाग के खिलाफ मंडलसेरा की महिलाओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पहले उन्होंने ज़िलाधिकारी कार्यालय में विरोध किया और उसके बाद ज़िला पूर्ति कार्यालय को सिर पर उठा लिया. यहां महिलाओं ने ज़ोरदार नारेबाज़ी के साथ प्रदर्शन किया और कार्यालय में ताला ही जड़ दिया. अधिकारी के नहीं होने से कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए. जैसे तैसे जल्द ही बीपीएल कार्ड में नाम दुबारा चढ़ाने पर महिलाओं का गुस्सा शांत करवाया गया. असल में 150 राशन कार्डों को बगैर जांच के रद्द किए जाने के इस मामले में ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियां रहीं, तो आंदोलन तेज़ किया जाएगा.

 

 

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