फसल अवशेष को खेत पर न जलाएं Do not burn crop residue on the field
फसल अवशेष को खेत पर न जलाएं
फसल अवशेष को खेत में ही सड़ाकर कम्पोस्ट तैयार कर उत्पादन लागत में कमी लाएं और पर्यावरण को सुरक्षित रखें
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह देते हुए मीडिया एडवायजरी जारी की
कवर्धा, 30 नवम्बर 2021। खेतों में धान और अन्य फसलों की कटाई के बाद खेतों में पड़े उनके अवशेषों का बेहतर प्रबंधन से जलवायु को प्रदुषण करने से बचाया जा सकता है। इस प्रबंधन से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह देते हुए मीडिया एडवायजरी जारी की है। कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा है कि फसल कटाई के बाद खेतां में पड़े अवशेषों को आग से बचाने के लिए कहा है। अवशेषों को खेतों में ही सड़ाकर कम्पोस्ट तैयार किया जा सकता है। इससे पर्यावरण को प्रदुषण से भी बचाया जा सकता है। भविष्य में लेने वाले फसलों की उत्पादन क्षमता अच्छी होगी।
कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एमडी डडसेना ने बताया कि खरीफ सीजन की फसल लगभग कटाई हो चुकी है जिसमें मुख्य रूप से धान की फसल है, कटाई, मिसाई के बाद अवशेष खेत अथवा खलीहान में पड़े हुए है, जिसे कृषकों द्वारा जलाया जाता है। फसल अवशेष के जलाने से धुंऐ में मौजूद जहरीली गैंसो से न केवल मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, बल्कि जलवायु तथा मृदा स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। मृदा का तापमान बढ़ने से मृदा में उपस्थित लादायक सूक्ष्म जीव, केचुआ, मकड़ी तथा अन्य मित्र कीट की संख्या कम हो जाती है। जिससे भविष्य में लेने वाले फसलों की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
फसल अवशिष्ट का प्रबंधन के उपाय एवं लाभ
फसल कटाई उपरांत खेत में पड़े हुए फसल अवशिष्ट के साथ ही जुताई या इकट्ठा कर गड्ढे में डालकर डी-कम्पोजर के माध्यम से कम्पोस्ट, नाडेप खाद के रूप में परिवर्तित कर खेती में उपयोग करें। रबी फसलों की उपयुक्त कृषि यंत्र जैसे हैप्पी सीडर से बोनी करने से खेत पर बिखरे हुए अवशिष्ट नमी को सुरक्षित रखते है। धान के पैरे मशरूम उत्पादन में उपयोग के साथ यूरिया से उपचारित कर पशुओं के लिये सुपाच्य पौष्टिक चारे के रूप में उपयोग करें। फसल अवशिष्ट प्रबंधन हेतु उपयोगी कृषि यंत्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्ट्रा बेलर, मल्चर एवं रीपर कम बाइंडर का उपयोग कर फसल अवशिष्ट का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सकते है।
फसल अवशिष्ट जलाने की घटना के रोकथाम की वैधानिक/प्रशासनिक व्यवस्था
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में फसल कटाई के पश्चात् खेतों में बचे हुए फसल अवशिष्ट को जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण भोपाल द्वारा फसल अवशिष्ट जलाने पर निम्नानुसार अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। 2 एकड़ तक कृषकों को राशि 2500 रूपए प्रति घटना, 2 से अधिक तथा 5 एकड़ से कम भूमिधारी कृषकों को राशि 5000 रूपए प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक भूमिधारी कृषकों को राशि 15000 रूपए प्रति घटना का प्रावधान है।