दिग्गज नेताओं के प्रतिष्ठा को देखते हुए जीतने योग्य प्रत्याशियों को टिकिट दिये जाने का संकेत
भिलाई। प्रदेश का हाई प्रोफाइल जिला होने के कारण मुख्यमंत्री सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं के स्थानीय प्रतिष्ठा को देखते हुए कांग्रेस पार्टी से ठोक बजाकर जीतने योग्य प्रत्याशी तय किए जाने का संकेत मिला है। इसके लिए जिले के प्रभारी मंत्री मो अकबर के साथ सारे स्थानीय बड़े फिगर वाले नेता सामूहिक मंथन में जुटे हुए हैं। जिले के चार निकाय में हो रहे चुनाव को लेकर कांग्रेस के सत्ता और संगठन अब तक बढिया तालमेल बनाकर चल रहे हैं। जबकि भाजपा में गुटबाजी साफ नजर आ रही है।
जिले के तीन नगर निगम क्रमश: भिलाई, रिसाली, भिलाई-चरोदा और नगर पालिका परिषद जामुल में नई परिषद चुनने आगामी 20 दिसम्बर को मतदान होना है। चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होते ही कांग्रेस और भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया लगातार जारी है। इसके साथ ही दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस दौरान भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी सामने आ रही है। दूसरी तरफ प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में एकजुटता साफ नजर आ रही है।
जिले के प्रभारी मंत्री मो अकबर पार्टी द्वारा निकायवार तय किए गए चुनाव पर्वेक्षकों के साथ टिकट के दावेदारों से बायोडाटा ले चुके हैं। भिलाई नगर निगम के लिए अपनाए गए इस प्रक्रिया में पर्वेक्षक गिरीश देवांगन के साथ विधायक देवेन्द्र यादव व शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चन्द्राकर पूरे समय मौजूद रहे। प्रभारी मंत्री ने रिसाली में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और भिलाई-चरोदा में पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार व दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष निर्मल कोसरे की मौजूदगी में टिकट के दावेदारों से मुलाकात कर चर्चा की।
बताया जा रहा है
कि कांग्रेस पार्टी दुर्ग जिले के तीन नगर निगम में अपना महापौर और जामुल पालिका में अध्यक्ष बनाने बेहद संजीदा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का यह गृह जिला है। इसके अलावा भिलाई-चरोदा निगम व जामुल पालिका मंत्री गुरु रुद्र कुमार के निर्वाचन क्षेत्र अहिवारा का अहम हिस्सा है। इस लिहाज से इन चारों निकाय में जीत दर्ज करना कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। इस वजह से कांग्रेस सभी निकाय के हर एक वार्ड में ठोक बजाकर जीतने योग्य प्रत्याशी तय करने के प्रति गंभीरता बरत रही है।
भिलाई-चरोदा में कांग्रेस को पहली जीत की तलाश
कांग्रेस को भिलाई-चरोदा नगर निगम में पहली जीत की तलाश है। हालांकि नगर निगम बनने के बाद हुए वर्ष 2016 के पहले और उसके पूर्व नगर पालिका रहते दो चुनाव में यहां कांग्रेस के पार्षद ज्यादा जीतते रहे हैं। लेकिन महापौर व पालिका अध्यक्ष भाजपा काबिज होती रही। इस बार चुनाव की पद्धति और राजनीतिक हालत बदल गए हैं। महापौर का चुनाव पार्षदों के बहुमत से होगा।
वहीं भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने से राजनीतिक परिस्थितियां कांग्रेस के पक्ष में पहले से भी बेहतर हो गई है। जबकि भिलाई निगम और जामुल पालिका में पिछली बार कब्जा रहना कांग्रेस के आत्मविश्वास में इजाफा कर सकता है।