छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ मुख्य मंत्री मा. भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मा. मोहन मरकाम , जिला अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी In the Chief Minister of Chhattisgarh. Bhupesh Baghel Pradesh Congress President Hon. Mohan Markam, District President Neelkanth Chandravanshi

*ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा
छत्तीसगढ़ मुख्य मंत्री मा. भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मा. मोहन मरकाम , जिला अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी , जिला प्रभारी थानेश्वर पाटिला जी के निर्देश अनुसार कवर्धा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष श्री होरी राम साहू जी के नेतृत्व में आज दिनांक 19-11-2021 दिन शुक्रवार को देश के पहली महिला प्रधान मंत्री आयरन लेडी श्रीमती इंद्रा गांधी जी के जयंती पर पुस्प तिलक अर्पित कर उनके बलिदान को स्मरण करते हुवे अध्यक्ष होरी राम साहू ने बताया कि इंदिरा प्रियदर्शनी गाँधी न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रहीं बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वे एक प्रभाव छोड़ गईं। श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म नेहरू ख़ानदान में हुआ था। इंदिरा गाँधी, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती पुत्री थीं। आज इंदिरा गाँधी को सिर्फ़ इस कारण नहीं जाना जाता कि वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं बल्कि इंदिरा गाँधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए ‘विश्वराजनीति’ के इतिहास में जानी जाती हैं और इंदिरा गाँधी को ‘लौह-महिला’ के नाम से संबोधित किया जाता है। ये भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं।
इंदिराजी ने इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड); इकोले इंटरनेशनल, जिनेवा; पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल; बैंडमिंटन, ब्रिस्टल; विश्व भारती, शांति निकेतन और समरविले कॉलेज ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी। प्रभावशाली शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारण उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण दिया गया था। श्रीमती गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रही थी। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की थी और असहयोग आंदोलन के दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी की सहायता के लिये 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया था। सिंतबर 1947 में वे जेल भी गई थी। 1947 में इंदिरा गांधी ने महात्मा गांधीजी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में भी कार्य किया था।

26 मार्च, 1942 को इंदिरा गांधी की शादी फिरोज़ गांधी से हुई। 1955 में श्रीमती इंदिरा गांधी कॉन्ग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनी। 1956 में वे अखिल भारतीय युवा कॉन्ग्रेस और एआईसीसी महिला विभाग की अध्यक्ष बनी। इंदिरा गांधी वर्ष 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष पद पर आसीन रही एवं जनवरी 1978 में उन्होंने पुन: यह पद ग्रहण किया।
आज भी उनकी बोली हुई बात हमें स्मरण है और हमेशा स्मरण रहेगा उन्होंने कहा था – “मैं आज यहाँ हूँ. कल शायद यहाँ न रहूँ. मुझे चिंता नहीं मैं रहूँ या न रहूँ. मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है. मैं अपनी आख़िरी सांस तक ऐसा करती रहूँगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा भारत को मज़बूत करने में लगेगा.”

उक्त कार्यक्रम में गनपत गुप्ता उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी कवर्धा , श्री महेन्द्र कुंभकार जी अध्यक्ष नगर पंचायत पिपरिया , रम्मन केशरी जी एल्डरमैन नगर पंचायत पिपरिया , श्री भोला राम चंद्रवंशी जी सचिव जिला कांग्रेस कमेटी कवर्धा , विनोद चंद्रवंशी महामंत्री ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा , जितेंद्र मानिकपुरी सचिव ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा ,अभय गंधर्व मीडिया प्रभारी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा, रोहित चंद्रवंशी कवर्धा युवा कांग्रेस , भागवत यादव , प्रमोद वैष्णव सहित कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे |

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