खारुन नदी का अस्तित्व खतरे में, अवैध उत्खनन पर कार्रवाई की बजाय पत्रकारों पर एफआईआर की धमकी दे रहे खनिज विभाग के उपसंचालक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में खनिज संसाधनों की लूट मची है। और यह सब खनिज विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है। जब पत्रकारों ने खनिज विभाग के उपसंचालक डॉ दिनेश मिश्रा से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो साहब भड़क गए। और खनिज माफिया पर कार्रवाई करने की बजाय उल्टा मीडियाकर्मियों को ही एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दे डाली। *पढ़िए ये रिपोर्ट….*
बिलासपुर से पथरापाली तक 53 किमी एनएच-130 पर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें नियम कानून को ताक पर रखकर पत्थर खनन का काम किया जा रहा। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि धूल-गर्दे से लोगों के जीवन के साथ जैव विविधता को खतरा पैदा हो गया है। सारे सुरक्षा मानकों और शासन के दिशा निर्देशों को दरकिनार कर अस्थायी क्रसर भी लगाया गया है। लेकिन बिलासपुर में खनिज विभाग के उपसंचालक डॉ दिनेश मिश्रा अब खनिज माफिया के बचाव में उतर आए हैं। और पत्रकारों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दे डाली है।
असल में, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया नई दिल्ली ने निविदा के माध्यम से काम का ठेका बिलासपुर-पथरापाली रोड प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को दिया है। सड़क निर्माण के लिए पत्थर की जरूरत को पूरा करने बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष पतरापाली रोड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्तियार आम के रूप में कोरबा जिले के गांव सेमीपाली कुदुरमाल निवासी तेजराम साहू ने निम्न श्रेणी चूना पत्थर खनन के लिए रतनपुर नगरपालिका क्षेत्र के पटवारी हल्का नंबर 37 के खसरा नंबर 6631/1 के रकबा 17.13 हेक्टेयर में से 01 हेक्टेयर पर खनन के लिए 14 दिसंबर 2019 को आवेदन प्रस्तुत किया था। जिस पर कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा बिलासपुर छग द्वारा पत्र क्रमांक /461/ख.लि./न.क्र. बिलासपुर दिनांक 28 जनवरी 2019 जारी कर खनन के लिए कंपनी को जनुमति प्रदान की है। मगर पत्थर खनन का काम कंपनी के द्वारा कायदे कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है। जिससे कि पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा. खनिज विभाग द्वारा राजस्व नक्शे पर जिस जगह को चिंहांकित किया गया है। उसके ठीक विपरीत नदी किनारे की एक पहाड़ी पर उत्खनन कार्य कराया जा रहा है।
खनिज माफिया के द्वारा पत्थर खनन के लिए कायदे कानून को ताक पर रखकर पत्थर तोड़ने अस्थायी क्रसर भी लगाया गया है। जहाँ सुरक्षा मानकों को खुलेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है। क्रसर से उड़ रहे धूल और गर्दे से जहाँ आसपास के किसान परेशान हैं। वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। इससे इलाके की जैव विविधता भी खत्म होती जा रही है। पशु पक्षियों का जीवन भी संकट में है, इसकी वजह से इस क्षेत्र में दिखने वाले कई प्रजातियों के प्रवासी पक्षी इस साल दिखाई नहीं दे रहे। इसे लेकर यहां के लोगों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। जबकि इस मामले की शिकायत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रतनपुर के अध्यक्ष व पार्षद रमेश सूर्या ने अनुविभागीय अधिकार राजस्व कोटा से कर मामले की विधि सम्मत कार्रवाई कर अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने की मांग की है. लेकिन अब खनिज विभाग भी इस पर कार्रवाई करने की बजाय पत्रकारों पर मुकदमा ठोकने की धमकी दे रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार जो पर्यावरण के मुद्दे पर सत्ता में वापसी की है। इस मसले पर क्या एक्शन लेती है।