छत्तीसगढ़

बस्तियां बचाने को उद्योग विभाग ने छोड़ दी अपनी जमीन Industries Department left its land to save settlements

 

छत्तीसगढ़ रायपुर

 

अब तक उद्योगों की स्थापना के लिए गांव व बस्तियां उजाड़ने की खबरें आती रही है, लेकिन इस बार प्रदेश में कुछ नया हुआ है। अपनी जमीन पर काबिज पुरानी बसाहट को बरकरार रखने के लिए उद्योग विभाग जमीन छोड़ने के लिए राजी हो गया है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा इस जमीन पर बसे हुए लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं।

    • करीब 16 हेक्टेयर जमीन के हस्तांरण के लिए उद्योग विभाग हुआ राजी

 

 

    • – सीएम बघेल ने इस वर्ष सात मार्च को बीरगांव क्षेत्र का किया था दौरा

 

 

  • – लोगों ने अपनी बात रखी तो मुख्‍यमंत्री ने दिया था समस्‍या हल करने का आश्‍वासन 

उद्योग विभाग के अनुसार इस निर्णय से करीब एक हजार से अधिक परिवारों के घर सुरक्षित हो गए हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस साल सात मार्च को बीरगांव क्षेत्र का दौरा किया था, उस दौरान वहां के लोगों ने उनका ध्‍यान उद्योग विभाग की इस जमीन की ओर आकर्षित कराया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल ने इसका हल निकालने के निर्देश दिए थे।

उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस निर्णय के बाद अब 15.788 हेक्टेयर भूमि राजीव आश्रय योजना के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के माध्यम से कलेक्टर रायपुर को हस्तांतरित की जाएगी। साथ ही हस्तांरित की जाने वाली 15,788 हेक्टेयर भूमि में रावांभाटा पटवारी हल्का नंबर-28 में 7,299 हेक्टेयर, सरोरा पटवारी हल्का नंबर-29 में 6,888 हेक्टेयर और बीरगांव पटवारी हल्का नंबर -29 में 6,883 हेक्टेयर भूमि शामिल है।

औद्योगिक नीति से मिली सौगात

 

 

जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने अभी औद्योगिक विकास के लिए जो नीतियां अपनाई गई हैं, उसके अंतर्गत उद्योगों की स्थापना के लिए निजी भूमियों के अधिग्रहण के बजाए शासकीय भूमि को ही प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई है।
बीरगांव के साथ-साथ रावांभाटा व सरोरा में भी छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन की भूमि पर काबिज लोगों को राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टे दिए जाएंगे।

 

 

 

 

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