स्वास्थ्य/ शिक्षा

कहीं आपके बेसन में मिलावट तो नहीं? इस तरह कर सकते हैं जांच Is there any adulteration in your besan? can check like this

क्या आप जानते हैं कि लगभग हर भारतीय घर में पाई जाने वाली सबसे आम चीज बेसन (Besan or Gram Flour) में अगर मिलावट कर दी जाए तो इससे आपके स्वास्थ्य को गंभीर खतरे हो सकते हैं? फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार, इस तरह के मिलावटी बेसन का होना निश्चित रूप से एक गंभीर चिंता का विषय है. इससे व्यक्ति के बीमार होने की संभावना बनी रहती है. एफएसएसएआई (FSSAI) ने 2019 में “दलहन और बेसन की सुरक्षा सुनिश्चित करना (Ensuring Safety of Pulses and Besan)” शीर्षक से एक नोट जारी किया जिससे खुलासा हुआ कि बेसन में खेसारी दाल, या मक्का का आटा, या पीले मटर, चावल, या आर्टिफिशियल कलर को मिलाकर मिलावट की जा सकती है. लैथिरिज्म (Lathyrism) जो कि अंगों रीढ़ की हड्डी में सुन्नता सहित शरीर के निचले हिस्से में एक तरह के पैरालाइज की स्थिति है. जिसकी बड़ी वजह खेसारी दाल बताई गई थी, इसी के चलते साल 1961 में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा 2016 में ये प्रतिबंध को हटा दिया गया था

कोरोना महामारी के बाद से अब दुनियाभर में लोगों का सेहत पर अतिरिक्त ध्यान देना आवश्यक हो गया है, तो ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि हम मिलावट के मुद्दे को गंभीरता से लें और सुरक्षित रहने और हेल्थ से जुड़े रिस्क से बचने के लिए मिलावट का टेस्ट करें.इसलिए, एफएसएसएआई इस्तेमाल में लेने से पहले बेसन का टेस्ट करने का एक आसान तरीका लेकर आया.27 अक्टूबर, 2021 को FSSAI ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट्स से साझा किए गए वीडियो में कुछ स्टेप्स बताएं हैं, जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि क्या बेसन में खेसारी दाल है?एक टेस्ट ट्यूब में 1 ग्राम बेसन डालें.
– घोल में प्लांट पिगमेंट निकालने के लिए इसमें 3 मिली पानी डालें.
– इस घोल में 2 मिलीलीटर कंसन्ट्रेशन एचसीएल (Hydrochloric acid) डालिए.
– मिश्रण को अच्छे से हिलाएं और खड़े होने दें.
– बिना मिलावट वाला बेसन रंग में कोई बदलाव नहीं दिखाएगा. लेकिन मिलावट के कारण मिश्रण गुलाबी हो जाएगा.
– मेटानिल पीला (Metanil yellow ) एचसीएल के साथ प्रतिक्रिया करता है और गुलाबी हो जाता है.

 

 

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