मुकुल साहारिया की किताब योर बिलीफ इज योर डेस्टिनी का प्रकाशन
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भिलाई। मुकुल साहारिया की पुस्तक योर बिलीफ इज योर डेस्टिनी का प्रकाशन हाल ही में नोटियनप्रेस द्वारा किया गया है। यह पुस्तक मुकुल साहारिया की आत्मकथा है, जो भिलाई इस्पात संयंत्र में मानव संसाधन विकास विभाग में उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। ।
उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से अपने बचपन से लेकर अब तक के जीवन यात्रा को वर्णित किया है। जिसमें उन्होंने अपने सैनिक स्कूल में हुए स्कूली शिक्षा तथा असमिया-माध्यम के पृष्ठभूमि के कारण अंग्रेजी भाषा में महारत हासिल करने के उनके संघर्ष को वर्णित करती है। कक्षा 8 में अपने पिता को अंग्रेजी में अपना पहला पत्र लिखने, प्रीफेक्टोरियल बोर्ड के सदस्य बनने, उनकी पहली ट्रेन यात्रा, इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश जैसी उनकी उपलब्धियों का विशद वर्णन किया गया है। जीवन की विविध चुनौतियों से लेकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कैसे करें इस पर उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को रेखांकित किया है।
पुडुचेरी में अरबिंदो आश्रम और ऊटी की उनकी यात्राओं का वर्णन प्रेमपूर्वक किया गया है। मुकुल के जीवन में विभिन्न घटनाएं जैसे स्कूल और कॉलेज में प्रशंसा पाना, पेन फ्रेंडषिप करना, सेल में काम करने के लिए बहुप्रतीक्षित नियुक्ति पत्र प्राप्त करना, सु नंदीता के साथ उनका विवाह और जिस तरह से उनकी बेटी लिओरा और बेटे कृषंग के जन्म के बाद जीवन बदल गया, सभी के बारे में विस्तार से लिखा गया है।
पुस्तक मुकुल के जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित करती है, सुख और दुख को कवर करती है और अपने जीवन के छोटे-छोटे घटनाओं को उजागर करती है। इस वर्णनात्मक पुस्तक के माध्यम से मुकुल ने अपने जीवन की कहानी को बखूबी शब्द दिया है।