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अगर आपने भी लगवाई है कोवैक्सिन तो जरूर जानें WHO अप्रूवल से क्या फर्क पड़ेगा If you have also got Covaxin then definitely know what difference will the WHO approval make

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को इमरजेंसी यूज अप्रूवल (EUL) दे दिया है. इस वैक्सीन को फार्मा कंपनी भारत बायोटेक (Bharat-Biotech) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर तैयार किया है. कोवैक्सिन देश के कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम का शुरुआत से हिस्सा है. इसीलिए इस वैक्सीन को WHO की मंजूरी मिलना आवश्यक था. अब इस वैक्सीन से वैक्सीनेशन करवाने लोगों को कई तरह की सहूलियत मिल जाएंगी जिसमें विदेश यात्रा सबसे अहम है.देश की दूसरी अहम वैक्सीन कोविशील्ड को पहले से WHO की मंजूरी मिली हुई है. यही कारण है कि कोविशील्ड से वैक्सीनेशन करवाने वालों के लिए विदेश यात्रा पहले से ही ज्यादा आसान रही है. लेकिन अब कोवैक्सिन से वैक्सीनेशन करवाने वाले भी आसानी से विदेश यात्रा कर सकेंगे. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने भी कोवैक्सिन को मंजूरी दे दी थी. लेकिन WHO की मुहर अब कोवैक्सिन की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धता और ख्याति के पक्ष में भी मदद करेगी.क्या है WHO के अप्रूवल का मतलब, अब नहीं आएंगी ये परेशानियां
WHO अप्रूवल का मतलब है कि अब कोवैक्सिन को अन्य देश भी मान्यता देंगे. जिन भारतीयों ने कोवैक्सिन से वैक्सीनेशन करवाया है उन्हें अब सेल्फ क्वारंटाइन नहीं रहना पड़ेगा. हालांकि WHO के अप्रूवल के पहले ही दुनिया के करीब 15 देशों ने कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी. इसके अलावा 50 अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है. लेकिन WHO अप्रूवल के साथ ही अब कोवैक्सिन को वैश्विक मान्यता मिल जाएगी. यानी भारत को अलग-अलग देशों के साथ बातचीत नहीं करनी होगी.इन्हें होगा सबसे ज्यादा फायदा
कोवैक्सिन के अफ्रूवल के बाद अब छात्रों, मेडिकल टूरिस्ट, व्यावसायिक यात्रियों को विशेष रूप से फायदा होगा क्योंकि अब इन्हें सख्त नियम नहीं झेलने पड़ेंगे. साथ ही अब निर्यात को लेकर भी कोवैक्सिन की मांग में तेजी आ सकती है. बता दें कि अमेरिका के बड़े एक्सपर्ट एंथनी फॉसी भी कोवैक्सिन की क्षमता की तारीफ कर चुके हैं. इस क्रम में अब माना जा रहा है कि WHO अप्रूवल के बाद कोवैक्सिन की मांग दुनियाभर में बढ़ेगी.तेजी से डेटा सौंपती रही है भारत बायोटेक
कोवैक्सिन को अप्रूवल मिलने की प्रक्रिया में भारत बायोटेक ने तेजी के साथ WHO को डेटा मुहैया करवाए थे. WHO टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप पास किसी भी वैक्सीन को इमरजेंसी यूज लाइसेंस देने का अधिकार होता है. ग्रुप ने 26 अक्टूबर की बैठक में भारत-बायोटेक से अतिरिक्त डेटा मांगे थे जिससे अंतिम विश्लेषण किया जा सके. जिस अतिरिक्त डेटा की मांग की गई थी उसमें 60 वर्ष से अधिक के लोगों का इम्युनोजेनिसीटी डेटा भी शामिल था. इसके अलावा जेंडर के मुताबिक भी डेटा की मांग की गई थी. बीते सप्ताह टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप की मांग पर भारत बायोटेक ने ये डेटा सौंप दिया था. डब्ल्यूएचओ में सहायक महानिदेशक डॉ. मरीयंगेला सिमाओ ने जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘भारत बायोटेक नियमित रूप से और बहुत तेजी से आंकड़े सौंप रहा है.’

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