छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

निगम का स्वास्थ्य विभाग सफाई में करोड़ों रूपये कहा फूंक रहा है ये तो उसके अधिकारी ही जाने

निगम के लापरवाही का खामियाजा इंसान तो इंसान अब जानवर भी भुगतने को मजबूर

भिलाई। नगर निगम का स्वास्थ्य अमला हर साल करोड़ों रूपये न जाने कहा फूंक रहा है यह तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और ईश्वर ही जानते है। कहीं कही एक दो स्थानों का सफाई करवा केवल अखबारों में स्वयं समाचार एवं फोटो छपवाकर अपने आप से ही अपना पीठ थपथपाने का कार्य कर रहे है। पूरे निगम क्षेत्र में हर जगह नालियां बजबजा रही है, हर जगह गंदगी का आलम है जो साफ दिखाई दे रहा है। निगम द्वारा साफ सफाई नही कराने का खामियाजा इंसान तो इंसान अब मूक जानवर भी भुगतने लगे है। इसी प्रकार का एक घटना आज सामने आया है जिसमें कई सालों से निगम द्वारा नाले की सफाई नही करने के कारण वहां दलदल होने से उसमें आठ फीट का ऊंट उसमें दब कर मर रहा था जिसे संवेदनशील लोगों ने बमुश्किल रस्सी बांधकर बांस बल्ली सहित अन्य सामग्रियों से उसे निकालकर उसकी जान बचाई।

यह घटना गुरूवार के प्रात: साढे सात बजे सुपेला रेलवे क्रांसिग के पास की है। जहां सुबह सुबह एक ऊंट क्रासिंग के पास से गुजरने वाले रेलवे पटरी के किनारे नाले के पास लगे पेड़ में पत्ती खाने के लिए गया जहां उसका पैर नाले कि किनारे पड़ा और वह सरकते सरकते नाले के बीच दल दल में धंस गया और केवल ऊंट का उपर का कूंबड़ ही दिखाई दे रहा था। वर्षों से नाले सफाई नही होने से वहां इतना अधिक आठ फिट तक के गहराई तक दल दल हो गया है। ऊंट के दलदल में धंसते ही ऊंट का मालिक लोगों से गुहार लगाया और उसके बाद निगम कार्यालय भी गया जहां से यह कहकर उसको वापस कर दिया गया कि हमारे पास ऊंट का निकालने का कोई साधन नही है। भला हो यहां के आस पास के लोगों का जिन्होंने एक घंटा तक कड़ी मशक्कत केबाद उस मरते हुए ऊंट को निकालकर उसकी जांन बचाई और उसके बाद सलोनी स्वीट्स के संचालक द्वारा मोटर चालू कर उसको नहला कर साफ सुथरा किया गया।

ज्ञातव्य हो कि नगर का ह्रदय स्थल कहे जाने वाले सुपेला जहा स्वयं निगम का मुख्य दफ्तर है वहां साफ सफाई का ये आलम है तो पूरे शहर का आलम क्या होगा इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। निगम क्षेत्र में सफाई को लेकर स्थितियां दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा समस्याओं के निराकरण के लिए निदान 1100 कॉल सेंटर बनाया गया जिसमें लोग शिकायत कर अपने समस्याओं का निदान कराते है, स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों की करतूत इसी से समझ आता है कि आज कल जब नाले नाली सहित अन्य स्थानों के साफ सफाई नही होने और वहां सडंाध की बदबू आने की शिकायत इस कॉल सेंटर में करने पर भी निगम का सफाई करने वाला अमला नही पहुंचता है और अपनी छवि को खराब होने से बचाने के लिए बिना साफ सफाई  किये ही सफाई कार्य हो जाने की झूठी जानकारी इसमें डाल रहे हैं। निगम के स्वास्थ्य विभाग में बैठे एक अधिकारी इन दिनों यहां तक कहने लगे हैं कि मिडिया वालों को मैनेज कर लिया हंू, अखबारों में सफाई के खिलाफ बडी बडी खबरे नही छपेगी। ये अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में पिछले कई वर्षों से जमे हुए हैं। कई कमिश्रर आये और गये लेकिन कोई भी इनको इस मलाईदार विभाग से दूसरे जगह स्थानांतरण करने की जेहमत नही उठा रहा है।

नाले के आसपास संचालित होटलों एवं अन्य दुकानदारों द्वारा भी यहां कचरा फेंकने का कार्य किया जा रहा है वैसे तो यह व्यावसायिक इलाका है लेकिन यहाँ ज्यादातर लोग परिवार के साथ निवास भी करते है यहाँ गंदगी और उससे उठने वाले सड़ांध बदबू से हमेशा महामारी जैसी बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है ऐसे में अत्यंत आवश्यक है कि यहाँ पटरी के किनारे बहने वाले नाले की सफाई की जाये एवं नालियों की जर्जर स्थिति को सुधारा जाए! ये सुपेला दक्षिण गंगोत्री का इंडियन बॉयलर के सामने का और सुपेला रेलवे क्रासिंग के बगल इलाका है, यहाँ महीनों से सफाई नहीं की गई, चार दिन पहले 4 लोग आये और बोल कर गये कि कल आकर सफाई करेंगे लेकिन आज तक दुबारा कोई झांकने भी नही आया। साफ़ सफाई के आभाव में बदबू और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है,

 

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