आदिवासी नृत्य महोत्सव पर परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा- छत्तीसगढ़ में एग्रो टूरिज्म की संभावनाएं Speakers said in the discussion on Tribal Dance Festival – Possibilities of agro tourism in Chhattisgarh

रायपुर
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की बहुत संभावनाएं है। राज्य के आदिवासियों ने प्रकृति और संस्कृति को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, जिससे राज्य की लोक कला एवं संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं परिचर्चा राज्य में पर्यटन और खान-पान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सात हजार गोठान बनाकर ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने की योजना बनाई है। परिचर्चा में वक्ता अमरनाथ ने कहा कि राज्य में ट्राइबल रिसोर्ट बनाने की आवश्यकता है। जमाल ने पर्यटन स्थलों में डिजिटल बिजनेस को बढ़ाने की आवश्यकता बताई।
संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी ने कहा कि सरकार टूरिस्ट इंडस्ट्री संचालन में सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। प्रदेश में रूरल टूरिज्म कैसे विकसित हो राज्य सरकार द्वारा इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर जनसंपर्क विभाग के आयुक्त दीपांशु काबरा, एडिशनल डायरेक्टर उमेश मिश्रा सहित विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
रेस्टोरेंट संचालकों को सरकार के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता
परिचर्चा में अन्य वक्ताओं ने विचार व्यक्त किया कि फ्रांस और मोरक्कों में खानपान एवं संस्कृति को बढ़ावा देने से वहां पर्यटन व्यवसाय काफी प्रभावी है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी यहां की संस्कृति और खानपान को बढ़ावा देकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।इसके लिए रेस्टोरेंट संचालकों को सरकार के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। गढ़कलेवा और छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ ही डिजिटल बिजनेस, पर्यटकों की सुविधा के लिए अधोसंरचना का विकास और पर्यटन स्थलों तक पहुंच मार्ग को सुलभ बनाएं जाने की आवश्यकता बताई गई।